गर्भावस्था के दौरान मूत्र रिसाव! क्या यह सामान्य है?

मां बनना जितना खुशी की बात है, ये सफर उतना ही चुनौतीपूर्ण है। गर्भावस्था के पूरे 9 महीनों के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। शारीरिक और मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। पैरों में सूजन, वजन बढ़ना, उल्टी और पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इसके साथ ही कई महिलाओं को यूरिन लीकेज की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। महिलाएं पेशाब पर नियंत्रण नहीं रख पाती हैं।

इससे काफी असुविधा होती है। ऐसा क्यूँ होता है? क्या ऐसा होना सामान्य है? इस आर्टिकल में आप ये सब कुछ जानेंगे।

गर्भावस्था के दौरान मूत्र रिसाव की समस्या क्यों होती है?

  • गर्भावस्था के दौरान मूत्र रिसाव सामान्य है। ऐसा तीसरी तिमाही में होता है। दरअसल, जब एक महिला गर्भवती होती है तो गर्भाशय खुद को बच्चों के लिए तैयार कर रहा होता है।
  • ऐसे में यह माँ के मूत्राशय पर दबाव बनाता है। मूत्राशय गर्भाशय के ठीक सामने होता है। गर्भाशय नलिकाएं मूत्र ले जाती हैं। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय द्वारा मूत्राशय पर दबाव बढ़ने से मूत्र रिसाव की संभावना बढ़ जाती है।
  • वहीं, पेट का आकार बढ़ने से पेल्विक फ्लोर के ऊतकों और मांसपेशियों का विस्तार होता है। इससे स्पिनस्टर मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
  • जब प्रसव होता है, तो गर्भाशय और मूत्राशय दोनों अपनी सामान्य स्थिति में लौट आते हैं। इस प्रक्रिया को होने में लगभग 6 सप्ताह का समय लगता है। यही कारण है कि कभी-कभी गर्भावस्था के बाद भी मूत्र रिसाव हो सकता है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान यूटीआई - Urinary Tract Infection (UTI) होना आम बात है, जिसके कारण भी मूत्र रिसाव होता है।

शोध के अनुसार, पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए कुछ व्यायामों का इस्तेमाल किया जा सकता है। कीगल एक्सरसाइज से यूरिन लीक होने की समस्या कम हो सकती है। हालाँकि, अगर आपको इस तरह की समस्या है तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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