न्यूयॉर्क/तेहरान/वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रुथ सोशल पर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए विनाशकारी हमले के दावों के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान कई सदस्य देशों ने क्षेत्र में बढ़ती सैन्य गतिविधियों की कड़ी आलोचना की और तत्काल संघर्ष विराम वार्ता फिर से शुरू करने का प्रस्ताव रखा, जिससे मध्य पूर्व में शांति बहाली की उम्मीदें जगी हैं।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि अमेरिका ने ईरान के सभी परमाणु ठिकानों पर हमला करके उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसे उन्होंने पूर्ण विनाश बताया। उन्होंने सैटेलाइट तस्वीरों का भी हवाला दिया, हालांकि इन दावों की वर्तमान अमेरिकी प्रशासन ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। ट्रंप ने रविवार को ईरान को चेतावनी भी दी थी कि यदि शांति नहीं हुई तो उसे पिछले आठ दिनों में देखी गई घटनाओं से कहीं ज़्यादा बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ेगा।
इन दावों और क्षेत्र में बढ़ते तनाव के मद्देनजर, UNSC की आपातकालीन बैठक बुलाई गई। बैठक में सदस्य देशों ने चिंता व्यक्त करते हुए संयम बरतने और कूटनीति को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। कई देशों ने किसी भी पक्ष द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की निंदा की और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा करने वाली एकतरफा सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने का आह्वान किया।
बैठक में कई देशों ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष सहित व्यापक क्षेत्रीय शांति प्रक्रियाओं के लिए दोबारा संघर्ष विराम वार्ता शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना था कि केवल स्थायी राजनीतिक समाधान ही मध्य पूर्व में बार-बार होने वाली हिंसा को समाप्त कर सकता है।
ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ता टकराव, जिसमें अमेरिका के हस्तक्षेप की खबरें भी शामिल हैं, ने वैश्विक समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञ इसे तेल की कीमतों पर संभावित प्रभाव, समुद्री व्यापार मार्गों में बाधा और व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष के जोखिम के रूप में देख रहे हैं। मानवतावादी संगठन भी गाजा और अन्य संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय संकट बिगड़ने की आशंका जता रहे हैं।
UNSC की यह बैठक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर थी कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए एक एकजुट रुख अपनाए। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इन अपीलों से तनाव कम होता है या क्षेत्र एक बड़े संघर्ष की ओर बढ़ता है।