एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग बिहार में गुप्त तरीक़े से एनआरसी लागू कर रहा है।
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीक़े से एनआरसी लागू कर रहा है। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेज़ों के ज़रिए साबित करना होगा कि वह कब और कहाँ पैदा हुए थे। साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहाँ पैदा हुए थे।"
निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीक़े से एनआरसी लागू कर रहा है। वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब हर नागरिक को दस्तावेज़ों के ज़रिए साबित करना होगा कि वह कब और कहाँ पैदा हुए थे, और साथ ही यह भी कि उनके माता-पिता कब और कहाँ पैदा हुए थे। विश्वसनीय अनुमानों के अनुसार भी केवल…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) ?ref_src=twsrc%5Etfw">June 27, 2025
"विश्वसनीय अनुमानों के अनुसार भी केवल तीन-चौथाई जन्म ही पंजीकृत होते हैं। ज़्यादातर सरकारी कागज़ों में भारी ग़लतियाँ होती हैं। इस प्रक्रिया का परिणाम यह होगा कि बिहार के ग़रीबों की बड़ी संख्या को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा। वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है।"
उन्होंने कहा,"चुनाव के इतने क़रीब इस तरह की कार्रवाई शुरू करने से लोगों का निर्वाचन आयोग पर भरोसा कमज़ोर हो जाएगा।"
ओवैसी ने एक और पोस्ट में लिखा, "चुनाव आयोग हर वोटर की जानकारी एक महीने में घर-घर जाकर इकट्ठा करना चाहता है। बिहार जैसा राज्य, जो बहुत बड़ी आबादी और कम कनेक्टिविटी वाला है। वहां इस तरह की प्रक्रिया को निष्पक्ष तरीके से करना लगभग असंभव है।"
अगर आपकी जन्मतिथि जुलाई 1987 से पहले की है, तो आपको जन्म की तारीख और/या जन्म स्थान दिखाने वाला कोई एक दस्तावेज़ देना होगा (11 में से एक)।
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अगर आपका जन्म 01.07.1987 और 02.12.2004 के बीच हुआ है, तो आपको अपना जन्म प्रमाण (तारीख और स्थान) दिखाने वाला एक दस्तावेज़ देना होगा, और साथ ही… https://t.co/DXP5E02s68
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