निवेशकों के लिए बड़ी खबर: अब 'सेबी चेक' से होगी UPI ID की प्रामाणिकता की जांच, 1 अक्टूबर से नया सिस्टम लागू!

पूंजी बाज़ार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने और धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब सेबी-पंजीकृत बिचौलियों को भुगतान करते समय, निवेशक अपने UPI ID की प्रामाणिकता की जांच कर सकेंगे। यह नया सिस्टम, जिसे 'सेबी चेक' (SEBI Check) नाम दिया गया है, 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।

क्यों पड़ी इस नए सिस्टम की ज़रूरत?

हाल के वर्षों में, ऑनलाइन धोखाधड़ी और धोखेबाजों द्वारा निवेशकों को गुमराह करने के मामले बढ़े हैं, जहाँ फर्जी संस्थाएं खुद को पंजीकृत बिचौलिए बताकर फंड इकट्ठा करती हैं। इस समस्या से निपटने और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए, सेबी ने एक नई UPI भुगतान संरचना अनिवार्य की है।

कैसे काम करेगा 'सेबी चेक'?

सेबी के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने बताया कि यह नया सिस्टम 'सेबी चेक' निवेशकों को UPI ID की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में सक्षम बनाएगा। निवेशक या तो एक QR कोड को स्कैन करके या UPI ID को मैन्युअल रूप से दर्ज करके पंजीकृत बिचौलिए के बैंक विवरण, जैसे खाता संख्या और IFSC कोड, की पुष्टि कर सकेंगे।

इस नवाचारी प्रणाली का उद्देश्य प्रतिभूति बाज़ार के भीतर वित्तीय लेनदेन की सुरक्षा और सुगमता में उल्लेखनीय सुधार करना है, जिससे एक सत्यापित और सुरक्षित भुगतान चैनल मिल सके।

क्या हैं मुख्य बातें?

  • अनिवार्य UPI ढाँचा: सभी सेबी-पंजीकृत बिचौलियों (जैसे ब्रोकर, म्यूचुअल फंड हाउस, निवेश सलाहकार) को अब इस नए UPI भुगतान तंत्र का उपयोग करना होगा।
  • सुरक्षा का अतिरिक्त स्तर: यह सुनिश्चित करेगा कि निवेशक का पैसा केवल सत्यापित और वैध संस्थाओं तक ही पहुँचे, जिससे गलत खातों में फंड ट्रांसफर या फ़िशिंग हमलों का जोखिम कम हो जाएगा।
  • लागू होने की तारीख: नया सिस्टम 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा। इस तारीख तक सभी बाज़ार भागीदारों और प्रौद्योगिकी भागीदारों को नए सिस्टम को एकीकृत और परीक्षण करना होगा।
  • बढ़ती डिजिटल भागीदारी: यह पहल स्टॉक बाज़ार और म्यूचुअल फंड में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बढ़ती भागीदारी के बीच निवेशक सुरक्षा को मजबूत करने के सेबी के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।

सेबी का यह कदम डिजिटल वित्तीय लेनदेन में विश्वास बढ़ाने और निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।