महाराष्ट्र चुनाव में 'फिक्सिंग' के आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार: 'आयोग को बदनाम करने की कोशिश'

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 'मैच फिक्सिंग' के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग (EC) ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने राहुल गांधी के दावों को 'पूरी तरह बेतुका' और 'कानून का अनादर' बताया है, साथ ही इन आरोपों को आयोग को बदनाम करने की कोशिश करार दिया है।

राहुल गांधी के आरोप

राहुल गांधी ने हाल ही में एक लेख और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को 'लोकतंत्र को धोखा देने का एक सुनियोजित खाका' बताया था। उन्होंने चुनाव में धांधली के लिए पाँच चरण की प्रक्रिया बताई थी, जिसमें शामिल थे:

  • चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाली समिति में 'गड़बड़ी'
  • मतदाता सूची में 'फर्जी नाम' जोड़ना
  • मतदान प्रतिशत को 'बढ़ा-चढ़ाकर' दिखाना
  • जहां भाजपा को जीत की ज़रूरत थी, वहीं 'फर्जी मतदान' कराना
  • सबूतों को 'छिपाना'

राहुल गांधी ने तर्क दिया कि यह 'मैच फिक्सिंग' जैसा है, जो भले ही खेल जीत जाए लेकिन संस्थाओं को नुकसान पहुँचाता है और जनता का नतीजों से भरोसा तोड़ता है। उन्होंने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह की 'फिक्सिंग' की आशंका जताई।

चुनाव आयोग का करारा जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक विस्तृत जवाब जारी किया है। आयोग ने कहा कि:

  • निराधार आरोप: ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और तथ्यों को नज़रअंदाज़ करते हैं।
  • कानून का अनादर: किसी के भी द्वारा भ्रमित करने वाली जानकारी फैलाना न केवल कानून का अपमान है, बल्कि यह उन्हीं की पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों की साख भी गिराता है।
  • मनोबल तोड़ने की कोशिश: ऐसे आरोपों से लाखों चुनाव कर्मियों का मनोबल टूटता है जो चुनावों के दौरान अथक और पारदर्शी रूप से काम करते हैं।
  • सबूतों की अनदेखी: आयोग ने याद दिलाया कि उसने 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को इन सभी तथ्यों का जवाब दिया था, जो उसकी वेबसाइट पर भी उपलब्ध है, लेकिन इन तथ्यों को बार-बार अनदेखा किया जा रहा है।
  • परिणाम के बाद बदनाम करना बेतुका: मतदाताओं के किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद यह कहना कि चुनाव आयोग से समझौता किया गया है, उसे बदनाम करने की पूरी तरह बेतुकी कोशिश है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

राहुल गांधी के इन आरोपों पर भाजपा ने भी तीखा पलटवार किया है। भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को हार का बहाना और हताशा बताया है। वहीं, कुछ विपक्षी दलों ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन भी किया है, जिससे इस मुद्दे पर सियासी घमासान और तेज़ हो गया है।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब देश में अगले बड़े चुनाव, खासकर बिहार विधानसभा चुनाव, की तैयारियाँ चल रही हैं।∎