नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सब्सक्राइबर्स को बड़ी सौगात दी है। पीएफ निकालने की प्रक्रिया को और भी तेज़ और आसान बनाने के लिए, एडवांस क्लेम की ऑटो-सेटलमेंट लिमिट को ₹1 लाख से बढ़ाकर सीधे ₹5 लाख कर दिया गया है। यह EPFO के 7.5 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए ईज़ ऑफ लिविंग (जीवन को आसान बनाना) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ऑटो-सेटलमेंट एक ऐसी सुविधा है जिसमें EPFO के नियमों के तहत आने वाले कुछ एडवांस पीएफ क्लेम बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के, सीधे सिस्टम द्वारा प्रोसेस और अप्रूव कर दिए जाते हैं। पहले यह लिमिट ₹1 लाख तक थी, लेकिन अब ₹5 लाख तक के दावों का निपटारा इस स्वचालित प्रक्रिया से हो सकेगा।
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पीएफ निकालने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। जहां पहले मैन्युअल वेरिफिकेशन में कई दिन या हफ्ते लग जाते थे, वहीं ऑटो-सेटलमेंट के ज़रिए पात्र क्लेम महज 3 से 4 दिनों में प्रोसेस हो जाएंगे। इससे सदस्यों को मेडिकल इमरजेंसी, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसी ज़रूरतों के लिए फंड तक तेज़ी से पहुंच मिल पाएगी।
EPFO लगातार अपनी प्रक्रियाओं को डिजिटाइज़ कर रहा है ताकि सदस्यों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इस लिमिट वृद्धि के साथ-साथ, EPFO अन्य कैटेगरी जैसे शिक्षा, शादी और आवास के लिए भी ऑटो-मोड सेटलमेंट की सुविधा दे रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, EPFO भविष्य में UPI और ATM के ज़रिए भी पीएफ फंड निकालने की सुविधा शुरू करने पर विचार कर रहा है। यदि इसे मंज़ूरी मिलती है, तो यह पीएफ सदस्यों के लिए फंड तक पहुंच को और भी क्रांतिकारी बना देगा, जिससे वे बैंक एटीएम की तरह ही अपने पीएफ बैलेंस का एक हिस्सा निकाल सकेंगे।
ये सभी बदलाव EPFO को भारत के बढ़ते डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के साथ जोड़ेंगे और करोड़ों वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए पीएफ प्रबंधन को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाएंगे।∎