यह विवाद तब शुरू हुआ जब वकील हरिशंकर जैन और सात अन्य ने दावा किया कि जामा मस्जिद वास्तव में प्राचीन हरिहर मंदिर की जगह पर बनाई गई है। उन्होंने जिला अदालत में एक मुकदमा दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने की मांग की थी। जिला अदालत ने एक एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से प्रारंभिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था, जिसे मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने पहले ही 8 जनवरी, 2025 को मामले की सुनवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अब सोमवार को आने वाला कोर्ट का फैसला यह तय करेगा कि सर्वेक्षण की कार्रवाई जारी रहेगी या नहीं। इस फैसले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।