'तीन भाषा फॉर्मूला' पर पीछे हटी महाराष्ट्र सरकार, संजय राउत ने उद्धव ठाकरे पर लगे आरोपों पर दी सफाई

महाराष्ट्र सरकार ने बहुचर्चित 'तीन भाषा फॉर्मूला' लागू करने की अपनी योजना को फिलहाल टाल दिया है। इस फैसले के बाद, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब दिया है।

क्या था विवाद?

महाराष्ट्र सरकार ने पहले घोषणा की थी कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत स्कूलों में तीन भाषा फॉर्मूला लागू करेगी, जिसमें मराठी के साथ हिंदी और एक विदेशी भाषा को शामिल किया जाना था। इस फैसले का कई मराठी संगठनों और विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया था, उनका कहना था कि इससे मराठी भाषा की अहमियत कम हो जाएगी। बढ़ते दबाव को देखते हुए, सरकार ने अब इस फैसले को वापस ले लिया है।

संजय राउत ने दिया जवाब

इस बीच, बीजेपी और शिंदे गुट के नेताओं ने इस फैसले के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ज़िम्मेदार ठहराया था। इन आरोपों पर पलटवार करते हुए, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।

उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे हमेशा मराठी भाषा और संस्कृति के लिए खड़े रहे हैं। उनके कार्यकाल में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए थे। यह फैसला पूरी तरह से वर्तमान सरकार का है और उन्हें ही इसकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाकर वे अपनी असफलता छुपाना चाहते हैं।"

इस मामले पर महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी गहमागहमी का माहौल बना हुआ है।∎