अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच जारी सार्वजनिक टकराव अब गहराता जा रहा है, और इसका सीधा असर एलन मस्क की कंपनियों, विशेषकर टेस्ला के शेयरों पर दिख रहा है। हालांकि, एशियाई शेयर बाज़ारों पर इसका प्रभाव मिला-जुला रहा है।
गुरुवार, 5 जून 2025 को टेस्ला के शेयरों में 14% से ज़्यादा की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे कंपनी के मार्केट कैप से लगभग 150 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। यह गिरावट इतनी बड़ी थी कि इसने पाकिस्तान के FY2025-26 के कुल बजट को भी पीछे छोड़ दिया। एलन मस्क की नेट वर्थ में भी एक झटके में 33.9 अरब डॉलर (करीब 2.93 लाख करोड़ रुपये) की कमी आई।
यह विवाद मुख्य रूप से ट्रंप प्रशासन के प्रस्तावित नए 'टैक्स-एंड-स्पेंडिंग बिल' को लेकर शुरू हुआ है। मस्क ने इस बिल को "घिनौना" बताया है क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहन (EV) टैक्स क्रेडिट को खत्म करता है, जिससे टेस्ला जैसी कंपनियों को नुकसान हो सकता है। इसके जवाब में, ट्रंप ने मस्क पर पलटवार करते हुए बयान दिए, और मस्क ने भी ट्रंप पर "एपस्टीन फाइल्स" में नाम होने का आरोप लगाकर इस विवाद को और हवा दे दी है।
ट्रंप और मस्क के बीच इस बढ़ते टकराव के बावजूद, शुक्रवार, 6 जून 2025 को एशियाई बाज़ारों की शुरुआत कुछ हद तक मज़बूत हुई है। निवेशकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हालिया फोन पर हुई बातचीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव कम होने की उम्मीदें फिर से जगी हैं।
हालांकि, वॉल स्ट्रीट पर प्रमुख अमेरिकी इंडेक्स गुरुवार को टेस्ला के शेयरों में गिरावट के कारण लुढ़क कर बंद हुए थे। एसएंडपी 500 में 0.53% और नैस्डैक में 0.83% की गिरावट देखी गई थी।
आज, 6 जून 2025 को भारतीय बाज़ारों के लिए ग्लोबल मार्केट्स से मिले-जुले संकेत हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति आज ब्याज दरों पर अपने फैसले का ऐलान करेगी, जिसका असर भारतीय शेयर बाज़ार पर दिखना तय है। विशेषज्ञ लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे बाज़ार में सकारात्मकता आ सकती है। हालांकि, निवेशकों की नज़र आरबीआई गवर्नर की महंगाई और ग्रोथ को लेकर की गई टिप्पणियों पर भी रहेगी।
यह स्पष्ट है कि ट्रंप और मस्क जैसे वैश्विक दिग्गजों के बीच किसी भी बड़े टकराव का असर वैश्विक वित्तीय बाज़ारों पर पड़ सकता है, खासकर टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों पर। हालांकि, एशियाई बाज़ार अभी अन्य वैश्विक संकेतों और घरेलू नीतियों पर अधिक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।∎