हाल ही में हरियाणा के पंचकूला में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां देहरादून से आए एक ही परिवार के सात सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। यह परिवार बागेश्वर धाम में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा में भाग लेने के बाद लौट रहा था। उनके शव पंचकूला के सेक्टर 27 में एक कार के अंदर पाए गए।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह आत्महत्या आर्थिक तंगी और मानसिक दबाव के कारण की गई। कार से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें परिवार ने अपनी परेशानियों और निराशा का उल्लेख किया है। यह घटना सोमवार और मंगलवार की रात के बीच घटी, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक और चिंता की लहर दौड़ गई है।
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक दबावों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। धार्मिक आयोजनों में भाग लेने वाले लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता और सामाजिक समर्थन की व्यवस्था करना अत्यंत आवश्यक है।
पंचकूला की यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता और सामाजिक समर्थन के क्षेत्रों में और अधिक संवेदनशीलता और सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है। प्रशासन और धार्मिक संगठनों को मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।