भारत बंद: 25 करोड़ कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगें, जानिए सरकार पर क्यों बना है दबाव

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देश भर में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। विभिन्न ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने इस महाबंद में शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद की है। इस दौरान कर्जमाफी और नए लेबर कोड जैसे प्रमुख मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के सामने 10 सूत्रीय मांगें रखी हैं।

यह भारत बंद कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा आयोजित किया गया है, जो सरकार की "मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉरपोरेट-समर्थक नीतियों" का विरोध कर रहे हैं।

भारत बंद: प्रदर्शनकारियों का सरकार पर वार, आम जनता बेहाल

प्रदर्शनकारियों की 10 प्रमुख मांगें क्या हैं?

  1. चार नए लेबर कोड रद्द किए जाएं: मजदूर संगठन सरकार द्वारा लाए गए चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड्स) को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ये कानून श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं, काम के घंटे बढ़ाते हैं और नियोक्ताओं को अधिक शक्ति देते हैं।

  2. न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि: सभी क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए मासिक न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर ₹26,000 करने की मांग की जा रही है।

  3. पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की जाए: सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग भी प्रमुख है।

  4. ठेका प्रथा समाप्त हो: विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्रों में व्यापक होती जा रही ठेका (कॉन्ट्रैक्ट) प्रथा को खत्म करने की मांग की जा रही है, ताकि कर्मचारियों को स्थायी नौकरी और सुरक्षा मिल सके।

  5. सरकारी विभागों का निजीकरण रोका जाए: रेलवे, बिजली, सार्वजनिक परिवहन, बीमा और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) के निजीकरण पर तुरंत रोक लगाने की मांग की जा रही है।

  6. बेरोजगारी भत्ता शुरू किया जाए: देश में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारों के लिए भत्ता शुरू करने की मांग की जा रही है।

  7. मनरेगा (MGNREGA) में सुधार: महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी और काम के दिनों की संख्या में वृद्धि की मांग की जा रही है। शहरी बेरोजगारों के लिए भी मनरेगा जैसी योजना लागू करने की बात कही गई है।

  8. महंगाई पर नियंत्रण: देश में बढ़ती मुद्रास्फीति (महंगाई) पर नियंत्रण के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई है, ताकि आम आदमी पर बोझ कम हो।

  9. किसानों की कर्जमाफी और MSP की गारंटी: किसान संगठन अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और व्यापक कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं।

  10. सार्वजनिक सुरक्षा विधेयकों का दुरुपयोग बंद हो: यूनियनों का आरोप है कि सरकार जन आंदोलनों पर नकेल कसने के लिए पब्लिक सिक्योरिटी विधेयकों का दुरुपयोग कर रही है, इसे रोका जाना चाहिए।

संजीव कुमार  उर्फ़ "ठाकुर" - Sholay

बंद का असर और आगामी कदम

इस महाबंद का असर देश के कई हिस्सों में दिख रहा है, जहां ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ है और हाईवे जाम किए गए हैं। बैंकिंग, डाक सेवाएं, परिवहन, औद्योगिक उत्पादन और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है।

यह बंद सरकार के लिए एक मजबूत संदेश है कि किसान और मजदूरों की चिंताओं को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब देखना होगा कि सरकार इन 10 मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या इन मुद्दों का कोई समाधान निकल पाता है।∎