पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने साल 2019 में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने पानी के मुद्दे पर भारत के ख़िलाफ़ 'जंग की तैयारी' की बात कहकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उनका यह बयान उस समय आया था, जब पाकिस्तान पानी की कमी का सामना कर रहा था और इसके लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा था।
मार्च 2019 में, पानी की बढ़ती किल्लत से बौखलाए बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पाकिस्तान को पानी नहीं मिला, तो वे 'जंग की तैयारी' करेंगे। उन्होंने कहा था, "अगर भारत हमें पानी नहीं देगा, तो हमें युद्ध के लिए तैयार रहना होगा।" उनका इशारा पाकिस्तान में पानी की कमी और भारत द्वारा सिंधु जल संधि के तहत पानी रोके जाने के आरोपों की ओर था।
बिलावल ने उस समय आरोप लगाया था कि भारत जानबूझकर पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोक रहा है, जिससे उनके देश में पानी का संकट गहरा रहा है और कृषि तथा अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा था कि पानी पाकिस्तान के लिए 'जीवन-रेखा' है और इस पर किसी भी तरह की रोक अमानवीय होगी।
यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और अधिक कटुता घोलने वाला साबित हुआ था। हालांकि, भारत ने हमेशा सिंधु जल संधि का पालन करने की बात कही है और पाकिस्तान के आरोपों को निराधार बताया है।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty - IWT) को एकतरफा निलंबित करने और पानी की आपूर्ति कम करने के बाद पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है। इसी क्रम में, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भारत को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि "हमारी जल आपूर्ति को काटना युद्ध की कार्रवाई होगी।"
ब्रसेल्स में अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और यूरोपीय थिंक टैंक को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने भारत के कदम को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और 'युद्ध अपराध' करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि पानी को हथियार बनाना परमाणु हथियारों से लैस दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव को खतरनाक स्तर तक बढ़ा सकता है, जिससे "पूर्ण युद्ध" का जोखिम पैदा हो सकता है।
बिलावल ने कहा, "पानी हमारी जीवन रेखा है, और हम किसी भी परिस्थिति में अपने वैध हिस्से को नहीं छोड़ेंगे।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि भारत 'जल आक्रामकता' का सहारा लेता है, तो पाकिस्तान के पास अपने अस्तित्व के लिए युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
इससे पहले भी, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद, बिलावल भुट्टो ने एक जनसभा में कहा था, "सिंधु दरिया में या तो अब पानी बहेगा, या उनका (भारतीयों का) खून बहेगा।"
बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान ने लगातार संयम दिखाया है, बातचीत की पेशकश की है और अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन किया है। उन्होंने वैश्विक समुदाय से भारत के साथ जुड़ने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि दक्षिण एशिया में भी वही मानक लागू हों जो यूरोप में होते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दुनिया इस बढ़ते संकट को नज़रअंदाज़ करती है, तो यह एक परमाणु युद्ध का केंद्र बिंदु बन सकता है।
गौरतलब है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित कर दिया था, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित समूहों को दोषी ठहराया था। इस निलंबन के बाद पाकिस्तान में सिंधु बेसिन से पानी के प्रवाह में उल्लेखनीय कमी देखी गई है, जिससे वहां पानी की किल्लत बढ़ गई है और कृषि क्षेत्र पर संकट गहरा गया है।∎