भाजपा की 2024 की डगर हुई कठिन - UP Nikay Chunav

Nitin Pratap
April 24, 2023
भाजपा की 2024 की डगर हुई कठिन - UP Nikay Chunav

जैसा कि सर्वविदित ही है अबकी बार निकाय चुनाव गाजियाबाद में गुपचुप तरीके से महानगर अध्यक्ष और विधायको की बीच बैठक हुई जिसमें मेयर एवम पार्षदों की सीटों पर बटवारा हुआ। जिसके बाद पूरे गाजियाबाद के कार्यकर्ताओ में एक गुस्सा दिखाई दिया, महिला मोर्चा ने तो दिल्ली से लेकर लखनऊ तक अपनी आवाज बुलंद की, पर जैसा होना ही था उच्च आसीन संगठन ने उन्हें समझा बुझा (डरा धमका) कर उन्हे शांत किया और रविवार देर रात तक मेयर का प्रत्याशी श्रीमति सुनीता दयाल को बना दिया।

पर ये गुस्सा अभी रुकने का नाम नही ले रहा है, मंडल अध्यक्ष से लेकर आप भाजपा वोटर भी सीटों के चयन को लेकर अचंभित है, जिस के बारे में कभी सुना नहीं, पैराशूट प्रत्याशियों या अयोग्य व्यक्तियों को पार्षदों का टिकट दिया गया। कई मंडल पदाधिकार्यो को अपने मंडल में हार का दर सता रहा है वह अभी से तबियत खराब या सीधे आरोप लगाते हुए अपने पदों से मुक्त होने की युक्ति लगा रहे है, वही आम जनता भी पैराशूट प्रत्याशी को अपनाने को तैयार नहीं है।

वही दूसरी तरफ सांसद जनरल वी के सिंह जी पहले ही घटना क्रम से नाराज थे और सूत्रों की माने तो श्री भूपेंद्र जी द्वारा उनसे मिलने का वक्त ना देने की वजह से वह इसे अपना अपमान मान रहे है।
श्रीमतीआशा शर्मा, श्रीमती रनिता सिंह, शिक्षा विद ऋचा सूद, महिला मोर्चा अध्यक्ष पूनम कौशिक, रुचि गोयल आदि के खेमे में भी रोष देखा जा रहा है। परंतु सूत्रों के अनुसार आशा शर्मा जी ने एक सच्चे बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में अपने समर्थकों से बीजेपी को वोट ज्यादा से ज्यादा वोटो से जिताने की अपील की है वही शिक्षा विद ऋचा सूद निर्दलीय पर्चा भर बीजेपी की मुसीबतों को बड़ा सकती है। देखना दिलचस्प होगा की इस बार बीजेपी नगर निकाय चुनाव में कैसा प्रदर्शन रहेगा।

जहां पिछली बार श्रीमति आशा शर्मा जी ने सभी को एक साथ लेते हुए रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी, इस बार उस सीट को बचाना भी एक बड़ी चुनौती है। अगर नगर चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता तो 2024 का मिशन का क्या होगा ? समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी अब की बार जीत का दमखम दिखा रही है। चुनाव बाद बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव हो सकते है।

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