चलती बस में जन्म, फिर मौत: इंसानियत को झकझोरने वाली घटना

यह घटना अत्यंत दर्दनाक है। महाराष्ट्र के परभणी (Pathri–Selu रोड) में मंगलवार, 15 जुलाई की सुबह लगभग 6:30 बजे, एक 19 वर्षीय महिला—ऋतिका ढेरे—जो अपने साथी अल्ताफ शेख के साथ पुणे से परभणी जा रही थी, चलती स्लीपर बस में प्रसव पीड़ा से बच्चे को जन्म देती है। लेकिन जन्म के कुछ ही पल बाद, इस जोड़े ने नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर बस की खिड़की से बाहर फेंक दिया, जिससे बच्चे की मौत हो गई।

मुख्य तथ्य

  • कहाँ और कब: परभणी जिले, पाथरी-सेलु रोड पर, सुबह लगभग 6:30 बजे, 15 जुलाई 2025।
  • कौन: 19 वर्षीय ऋतिका ढेरे और वह व्यक्ति, जो अपने आप को उसका पति बता रहा था—अल्ताफ शेख ( लगभग 21 वर्ष) ।
  • क्या हुआ: प्रसव के तुरंत बाद नवजात शिशु कपड़े में लपेटकर बस से बाहर फेंका गया। उसे बस के पास सड़क पर पड़ा देखकर अन्य यात्री और ड्राइवर सतर्क हुए, और पुलिस को सूचित किया गया ।
  • प्रारंभिक कारण: बताया जा रहा है कि वे “पालन–पोषण के काबिल नहीं थे” ।
  • वर्तमान स्थिति: पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया है और धारा बीएनएस की धारा 94 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है।

यह घटना मानवता, नैतिकता और संवेदनशीलता की सीमाओं को चुनौती देती है। साथ ही यह प्रश्न खड़ा करती है कि ऐसे समय में तत्काल चिकित्सीय सहायता कपूर होनी चाहिए थी। महाराष्ट्र सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा इसमें कौन-कौन से कदम उठाए गए, यह आगे की जांच और रिपोर्टिंग से ही स्पष्ट होगा।

आप इसे लेकर चिंता जता सकते हैं, या यदि आपको इसके कानूनी, समाजशास्त्रीय या मनोवैज्ञानिक पहलुओं में जानकारी चाहिए तो मैं सहायता कर सकता हूँ।