यह सफर किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं है – उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से निकलकर, दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी दिग्गज कंपनी Apple के शीर्ष नेतृत्व तक पहुँचना। भारतीय मूल के सबीह खान Apple में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ऑपरेशंस का महत्वपूर्ण पद संभाल रहे हैं, जो कंपनी के ग्लोबल सप्लाई चेन और मैन्युफैक्चरिंग को निर्देशित करते हैं। उनकी यह उपलब्धि भारतीय प्रतिभा के वैश्विक मंच पर बढ़ते दबदबे का एक बड़ा उदाहरण है।
Apple के ऑपरेशनल बैकबोन: सबीह खान का अहम रोल
सबीह खान Apple के सबसे अहम अधिकारियों में से एक हैं। वह सीधे कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) जेफ विलियम्स को रिपोर्ट करते हैं। उनकी जिम्मेदारी सिर्फ बड़ी नहीं, बल्कि बेहद जटिल है। वे Apple की ग्लोबल सप्लाई चेन (वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला), मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस, खरीद (procurement) और क्वालिटी मैनेजमेंट का पूरा कामकाज देखते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो, iPhone से लेकर Mac तक, Apple के करोड़ों प्रोडक्ट्स को सही समय पर, सही गुणवत्ता के साथ, पूरी दुनिया में ग्राहकों तक पहुंचाने के पीछे सबीह खान और उनकी टीम का ही दिमाग और मेहनत होती है। उनकी लीडरशिप Apple को बिना किसी रुकावट के लाखों डिवाइस बनाने और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद करती है।
संघर्ष से शीर्ष तक का सफर: शिक्षा और करियर
सबीह खान ने अपने करियर की शुरुआत Hewlett-Packard (HP) में विभिन्न ऑपरेशंस और सप्लाई चेन मैनेजमेंट पदों पर काम करते हुए की थी। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले से इकोनॉमिक्स में बैचलर डिग्री हासिल की और बाद में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की। यह उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि और शुरुआती अनुभव ही थे जिसने उन्हें जटिल सप्लाई चेन को समझने और उसे कुशलता से मैनेज करने की नींव दी।
Apple में दो दशक का अनुभव और बेजोड़ विशेषज्ञता
साल 1997 में सबीह खान Apple से जुड़े। तब से लेकर अब तक, उन्होंने कंपनी में दो दशकों से भी अधिक समय बिताया है और ऑपरेशंस टीम के हर लेवल पर काम किया है। Apple में अपनी लंबी यात्रा के दौरान, उन्होंने लगातार अपनी विशेषज्ञता और लीडरशिप स्किल्स को साबित किया। उन्हें सप्लायर्स के साथ मजबूत रिश्ते बनाने और बेहद जटिल उत्पादन प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए जाना जाता है। उनकी 'परफेक्शन' और 'एग्जिक्यूशन' की क्षमता ही उन्हें इस मुकाम तक ले आई है।
मुरादाबाद से सिलिकॉन वैली: एक प्रेरणादायक कहानी
सबीह खान का मुरादाबाद से निकलकर सिलिकॉन वैली के शीर्ष पर पहुंचना सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि भारत से निकलने वाली उस प्रतिभा की कहानी है जो दुनिया के सबसे बड़े तकनीकी दिग्गजों को चला रही है। यह दिखाता है कि कैसे कड़ी मेहनत, समर्पण और लगातार सीखने की इच्छा किसी भी भौगोलिक या सामाजिक बाधा को पार कर सकती है। उनकी कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो तकनीक और इनोवेशन की दुनिया में अपना मुकाम बनाना चाहते हैं। Apple जैसी कंपनी में ऐसे अहम पद पर एक भारतीय का होना, देश के लिए भी गर्व की बात है।∎