मिथुन चक्रवर्ती ने एक बार फिर की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग बंगाल में अब हिंदू शरणार्थी बन गए

April 19, 2025
मिथुन चक्रवर्ती ने एक बार फिर की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग बंगाल में अब हिंदू शरणार्थी बन गए

बीजेपी नेता और एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने एक बार फिर केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। खासकर मुर्शिदाबाद जिले में जो हिंसा हुई, उससे वो बहुत चिंतित हैं। यह हिंसा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण हुई। मिथुन ने कहा कि मैंने कई बार अनुरोध किया है और मैं अभी भी गृह मंत्री से अनुरोध कर रहा हूं। कम से कम, कृपया चुनाव के दौरान दो महीने के लिए अंदर सेना तैनात करें। अगर उन्हें तैनात किया जाता है, तो निष्पक्ष चुनाव होंगे।

हिंदुओं की हालत पर चिंतित

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की हालत पर चिंतित हैं। वह अपनी पुरानी पार्टी टीएमसी की नेता ममता बनर्जी की खुली आलोचना से नहीं चूक रहे। उन्होंने हाल ही में कहा था कि बंगाली हिंदू हिंसा के बाद बेघर हो गए। उनके सिर के ऊपर छत नहीं है और वे खिचड़ी खाने को मजबूर हैं। उन्होंने हिंसा के दौरान हिंदू कारोबारियों पर टारगेट अटैक पर भी चिंता जताई। इससे पहले मिथुन का एक बयान भी चर्चा में रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी सरकार की विदाई करनी है। यहां रामराज्य तभी आएगा, जब वोटिंग के दौरान घर से बाहर नहीं निकलने वाले 9 फीसदी हिंदुओं को भी वोट करेंगे।

बंगाल में अब हिंदू शरणार्थी बन गए

मिथुन ने दावा किया कि अगर मुख्यमंत्री चाहें तो एक दिन में हिंसा पर काबू पाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा क्योंकि जिन लोगों की मदद से सरकार बनी है, उन्हीं को संतुष्ट रखने की कोशिश हो रही है। बंगाल में अब सनातनी, सिख और ईसाई समुदाय के लोग तृणमूल को वोट नहीं देते, इसलिए जो उनका 'वोट बैंक' है, उन्हें खुश रखना सरकार की प्राथमिकता बन गई है इसलिए अपराधियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही। बंगाल में अब हिंदू शरणार्थी बन गए हैं।∎

Eng