Noida Supertech जल्द ही पूरा करेगा आपके आशियाने का सपना

May 12, 2023
Noida Supertech जल्द ही पूरा करेगा आपके आशियाने का सपना

क्या आपने उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपर टेक प्रोजेक्ट्स में घर लेने की तैयारी की थी ? क्या आपने इसके लिए पैसों का भुगतान कर दिया था लेकिन ऐसा करने के बावजूद भी आपका घर खरीदने का सपना अधूरा रह गया है ? यानी आपको इन प्रोजेक्ट्स में घर अभी तक नहीं मिला है। घबराइए नहीं। अब आपके सिर पर मंडरा रहे चिंता के बादल छटने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी सुपर टेक ने इस सम्बन्ध में जानकारी दी है। इससे लोगों के मन में उम्मीद जगी है कि अब नोएडा में उनका घर खरीदने का सपना पूरा हो जाएगा।

खरीदारों में जगी उम्मीद

सिंगापुर के ऑक्ट्री कंपनी के निवेश से सुपर टेक में घर बुक करा चुके 20,000 से अधिक खरीदारों के घर का सपना पूरा होने की उम्मीद जग गई है।16 परियोजनाओं में कुल 27,476 फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके पहले चरण में 2 साल के भीतर उन लोगों को फ्लैट मुहैया कराए जाएंगे जिन्होंने इस परियोजना के तहत पहले से ही फ्लैट्स की बुकिंग करवा ली है।

सुप्रीम कोर्ट ने माँगा जवाब

सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने इस सम्बन्ध में जानकारी दी है। हर तीन साल की तिमाही में वह कितने फ्लेटों का निर्माण कार्य पूरा करके बुकिंग कर्ताओं को सौपेंगे, इसका प्रस्तावित प्लान बनाकर उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट में सौपा है। सुपरटेक के इस कदम से पिछले 10 सालों से अपने घर का इंतज़ार कर रहे लोगों का यह सपना अब जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।

बुकिंग करने वालों को मिल सकती है राहत

गाजियाबाद के दिल्ली गेट निवासी नीरज ने 2013 में सुपरटेक ईकोविलेज वन में दो बैडरूम का फ्लैट बुक किया था। उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें यह फ्लैट नहीं मिला। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया है कि बैंक से उन्होंने फ्लैट के लिए जो लोन लिया था उसकी किश्त भी पूरी हो चुकी है। अब अगर उन्हें यह फ्लैट मिल जाएगा तो नोएडा में उनका अपने घर का सपना पूरा हो जाएगा। वहीं नोएडा के सेक्टर 26 में रहने वाली अर्चना का हाल भी कुछ ऐसा ही है।

पहले भी विवादों में रहा है सुपर टेक

पिछले माह में सुपरटेक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। 18 अप्रैल को सुपरटेक के कार्यालय को जिला प्रशासन की और से सील कर दिया गया था। वहीं 15 अप्रैल तक बकाए का भुगतान ना करने की वजह से सुपर टेक ग्रुप के चेयरमैन को हिरासत में ले लिया गया था। बकाया भुगतान के वादे और समझौते के बाद उन्हें छोड़ा गया था। ऐसे में हाल ही में आए इस फैसले से इन्वेस्टर्स और बायर्स को काफी राहत मिलने वाली है।

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