परवीन सुल्ताना : जन्मदिन विशेष 10 जुलाई

Sameer Raj
July 10, 2024
परवीन सुल्ताना : जन्मदिन विशेष 10 जुलाई

बेगम परवीन सुल्ताना एक भारतीय हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका हैं। पटियाला घराने की शास्त्रीय गायिका बेगम परवीन सुल्ताना ने अपनी आवाज से कई लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। आज 10 जुलाई को उनके जन्मदिन पर उनके जन्मदिन पर जानतें हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।

छोटी उम्र में ही हासिल की कई उपलब्धियां 

उनका जन्म हुआ असम के एक छोटे से शहर नौगांव में। उन्होंने 1962 में 12 साल की उम्र में अपना पहला स्टेज प्रदर्शन दिया और जल्द ही हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक लोकप्रिय चेहरा बन गईं। 

उनकी माता का नाम था मारूफ़ा माजिद। उनके पिता का नाम  इकरामुल माजिद था।

बेगम परवीन सुल्ताना अपने बचपन में ही अपने पिता स्वर्गीय जनाब इहरामुल माजिद, जो गुल मोहम्मद खान और उस्ताद बड़े गुलाम अली खान से प्रशिक्षित एक लोकप्रिय संगीतकार थे, और उनके दादा जनाब मोहम्मद नजीफ खान, जो एक प्रतिभाशाली रबाब वादक थे, से प्रभावित थीं।

बेगम परवीन सुल्ताना ने आचार्य चिन्मय लाहिड़ी समेत कई लोगों से प्रशिक्षण प्राप्त किया।

पेशेवर करियर

बेगम परवीन सुल्ताना ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत अब्दुल माजिद की असमिया फिल्म ‘मोरोम तृष्णा’ से की थी। सुल्ताना ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कमाल अमरोही की फिल्म पाकीजा (1971) में नौशाद के गाने ‘कौन गली गयो श्याम’ से की थी।

1970 और 1980 के दशक में उन्होंने हिट गाना ‘हमें तुमसे प्यार कितना (कुदरत)’ गाया था। उन्होंने अन्य बॉलीवुड फिल्मों जैसे, गदर, कुदरत, दो बूंद पानी और कई असमिया फिल्मों में भी काम किया।

हाल ही में उन्होंने विक्रम भट्ट की फिल्म ‘1920’ का थीम सॉन्ग गाया है। परवीन सुल्ताना ने एचएमवी, पॉलीडोर, म्यूजिक इंडिया, भारत रिकॉर्ड्स, औविडिस, मैग्नासाउंड, सोनोडिस्क और एमिगो के लिए भी संगीत रिकॉर्ड किया है।

परवीन सुल्ताना ने आर डी बर्मन, नौशाद, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और शंकर जयकिशन जैसे कई संगीतकारों के साथ काम किया है।

जीवनसाथी भी हैं संगीतकार

उनकी शादी उस्ताद दिलशाद खान से हुई। दिलशाद खान से उन्होंने संगीत की शिक्षा भी ली। उनकी एक बेटी है जिसका नाम शादाब खान है।

परवीन सुल्ताना ने अपने पति के साथ अमेरिका, फ्रांस, रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, अफगानिस्तान सहित देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों में दौरा और प्रदर्शन किया है। वह फिलहाल मुंबई में रहती हैं।

बता दें, कि दिलशाद खान भी एक शास्त्रीय गायक हैं। खान का जन्म अरबिंद दासगुप्ता के रूप में कोलकाता में हुआ था। दिलशाद प्रख्यात सरोद वादक बुद्धदेव दास गुप्ता के छोटे भाई हैं। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल, कोलकाता में पढ़ाई की, जहां भावी संगीतकार आर. डी. बर्मन उनके सहपाठी थे।

23 वर्ष की आयु में मिला पद्मश्री

परवीन सुल्ताना को 1976 में महज 23 साल की उम्र में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

  • गंधर्व कलानिधि, 1980
  • मियाँ तानसेन पुरस्कार, 1986
  • असम सरकार द्वारा संगीत सम्राग्गी पुरस्कार, 1994
  • फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक पुरस्कार - कुदरत (1981) गीत "हमें तुमसे प्यार कितना" के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1999
  • असम सरकार द्वारा श्रीमंत शंकरदेव पुरस्कार
  • भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण, 2014
Eng