"जश्न जीत का होता है, सीज का नहीं: अखिलेश का बीजेपी पर कटाक्ष"

Diksha Sharma
May 16, 2025
"जश्न जीत का होता है, सीज का नहीं: अखिलेश का बीजेपी पर कटाक्ष"

अखिलेश यादव का यह तंज—"जश्न जीत का होता है, सीज का नहीं"—भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तिरंगा यात्रा पर एक राजनीतिक कटाक्ष है। इसमें उन्होंने बीजेपी पर यह आरोप लगाने की कोशिश की है कि वह अपनी हार या कमजोर स्थिति को भी "जश्न" की तरह प्रस्तुत कर रही है, जबकि असल में उन्हें कोई बड़ी जीत हासिल नहीं हुई है।

यह बयान संभवतः उस संदर्भ में दिया गया है जब बीजेपी ने कहीं तिरंगा यात्रा निकाली, जिसे वो राष्ट्रभक्ति और जनसंपर्क का माध्यम बता रही हो, लेकिन अखिलेश यादव उसे एक राजनीतिक स्टंट या हार को छिपाने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।

इस बयान का राजनीतिक मतलब:

  • "सीज" (सीज़ या ज़ब्ती) का मतलब आमतौर पर होता है जब कुछ जब्त कर लिया जाए या किसी की सत्ता सीमित कर दी जाए।
  • अखिलेश यहाँ तंज कर रहे हैं कि बीजेपी कोई बड़ी जीत नहीं बल्कि "सीज" की स्थिति में है—या तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा है या राजनीतिक रूप से वे कमजोर हो गए हैं—और फिर भी वे तिरंगा यात्रा जैसे आयोजनों से "जश्न" का माहौल बना रहे हैं।
  • इससे वह यह संदेश देना चाह रहे हैं कि बीजेपी जनता को भ्रमित कर रही है और असलियत को छिपा रही है।
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