भारत सरकार ने सीमा पार आतंकवाद और आतंकी संगठनों को समर्थन देने वाली ताकतों के विरुद्ध एक मजबूत कूटनीतिक अभियान शुरू कर दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद, भारत ने अब विश्व समुदाय के सामने अपना स्पष्ट और कठोर संदेश पहुंचाने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजने का निर्णय लिया है।
इन प्रतिनिधिमंडलों का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के प्रति भारत की "शून्य सहिष्णुता" की नीति को वैश्विक मंचों पर प्रभावी ढंग से रखना है। ये दौरे मई 2025 के अंत तक पूरे किए जाएंगे और इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों के साथ-साथ भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार राष्ट्र भी शामिल होंगे। इस पहल का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की स्थिति को मजबूत करना और पाकिस्तान जैसे देशों पर आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए दबाव बढ़ाना है।
क्या है भारत का उद्देश्य?
इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ सांसद, प्रतिष्ठित राजनयिक और प्रमुख सार्वजनिक हस्तियां शामिल होंगी। इन सभी का लक्ष्य एक स्वर में दुनिया को यह संदेश देना है कि भारत आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगा, चाहे वह सीमा पार से हो या किसी अन्य रूप में।
हालांकि देशों की सूची अभी औपचारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, चीन जैसे UNSC के स्थायी सदस्यों और सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, जापान जैसे भारत के सहयोगी देशों का दौरा कर सकते हैं।
कौन करेंगे नेतृत्व? ये हैं सात प्रमुख चेहरे
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एक अनुभवी और प्रतिष्ठित सांसद करेंगे, जो अपने राजनीतिक दल और संसद में प्रभावशाली भूमिका निभाते रहे हैं:
भारत यह चाहता है कि विश्व समुदाय न केवल आतंकवाद के विरुद्ध उसकी सैन्य शक्ति को देखे, बल्कि इस लड़ाई में उसकी लोकतांत्रिक एकता और कूटनीतिक दृढ़ता को भी पहचाने। इन प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से भारत निम्नलिखित बातें स्पष्ट रूप से रखेगा:
'ऑपरेशन सिंदूर' की सटीक और साहसिक सैन्य कार्रवाई के बाद, भारत का यह कूटनीतिक अभियान आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर समर्थन जुटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह दर्शाता है कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि विश्व को भी एक सशक्त और जिम्मेदार नेतृत्व प्रदान कर सकता है। इस पहल के माध्यम से, भारत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के विरुद्ध अपनी दृढ़ संकल्पित और एकजुट राष्ट्रीय राय से अवगत कराएगा, जिससे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली ताकतों पर वैश्विक दबाव और बढ़ेगा।