एक सफल उद्योगपति, कई सालों की मेहनत से खड़ा किया देव ग्रुप का इंडस्ट्रीज और अब कास्टिक का प्लांट गुजरात में लगाने के लिए गुजरात सरकार के साथ 8000 करोड़ का MOU किया है।
जन्म | 9 दिसंबर 1940 |
माता- पिता | माता - रंगपुर मोरबी राज्य की राजकुमारी देव कंवर, पिता - राजा श्री अर्जुन सिंह झाला |
संतान | पुत्री कुमारी देवयानी सिंह, पुत्र कुंवर हरेंद्र सिंह झाला |
विवाह | प्रीति कुमारी |
शिक्षा | बीएससी |
पेशा | उद्योगपति |
श्री देवेंद्र सिंह झाला का जन्म 9 दिसंबर 1940 मैं लभौआ स्टेट के राज परिवार में हुआ था। पिता लभौआ स्टेट के राजा श्री अर्जुन सिंह झाला और माता रंगपुर मोरबी राज्य की राजकुमारी देव कंवर थीं। 1952 में 12 साल की उम्र में जमींदारी खत्म हो गई थी और जिसके बाद 22 साल की उम्र में उनके पिता का देहांत का दुःख सहना पड़ा। उम्र के 26वे पड़ाव में उनकी माता का भी देहांत हो गया। इनके परिवार में सात भाई और दो बहने थी। राजकुमार श्री देवेंद्र सिंह झाला जी का विवाह सौराष्ट्र में खीरसरा स्टेट के राजा श्री प्रबल सिंह की पुत्री प्रीति कुमारी के साथ संपन्न हुआ।
राजकुमार श्री देवेंद्र सिंह जी की पुत्री कुमारी देवयानी सिंह का विवाह दंतरामगढ़ राजस्थान राज परिवार के कुंवर साहब मयूरध्वज सिंह के साथ हुआ। पुत्री एवं दामाद दुबई में अपने व्यवसाय को संभाले हुए हैं।
राजकुमार देवेंद्र सिंह जी के पुत्र कुंवर हरेंद्र सिंह झाला का विवाह दियोदर बनासकांठा के राजा गुलाब सिंह जी की पुत्री कुमारी अर्चना सिंह जी के साथ हुआ। कुंवर हरेंद्र सिंह भी अपना व्यवसाय अच्छी तरह से संभाल रहे हैं।
माता-पिता के देहांत के बाद अमूमन बच्चों का जीवन संघर्षमय हो ही जाता है, इनके साथ भी ठीक ऐसा ही हुआ। सन् 1999 के समय राजकुमार श्री देवेंद्र सिंह थापर ग्रुप में चीफ जनरल मैनेजर का पद छोड़कर साल्ट का व्यवसाय में प्रारम्भ किया। प्रारंभिक समय में व्यवसाय में अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा, मगर उनका खुद पर आत्मविश्वास एवं लगातार मेहनत का फल रंग लाया, कुछ वर्षों के उपरांत साल्ट का बिजनेस में आपने सफलता हासिल की। उसके उपरांत सफलता की एक और सीढ़ी के रूप में ब्रोमीन के प्लांट की स्थापना थी।
देव ग्रुप आफ इंडस्टरीज का नाम, अपनी माँ देव कंवर के नाम से रखा। जामनगर के पास होटल हाईवे हरि के नाम से लग्जरी होटल के रूप में एक और सफल व्यवसाय मे कदम रखा।
श्री देवेंद्र सिंह झाला गुजरात राजपूत बिजनेस फोरम के मुख्य स्पॉन्सर रहते हुए राजपूत समाज के उत्थान के लिए भी लगातार प्रयासरत रहे हैं।