Created By : Monika
UltranewsTv | Updated : 09 July, 2025
हल्दी में करक्यूमिन नामक एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड पाया जाता है, जो फेफड़ों की सूजन को कम करता है और फेफड़ों को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं को कम करने में भी सहायक है।
अदरक में प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो फेफड़ों से म्यूकस निकालने में मदद करते हैं और फेफड़ों के इन्फेक्शन से भी बचाते हैं।
लहसुन में एलिसिन नामक तत्व होता है, जो एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है। यह फेफड़ों में होने वाले इन्फेक्शन और इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है।
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फेफड़ों की कोशिकाओं को पॉल्यूशन और स्मोकिंग से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। यह फेफड़ों की सफाई करने में भी मदद करती है।
सेब में फ्लेवोनॉइड्स और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो फेफड़ों की कैपेबिलिटी बढ़ाने और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।यह अस्थमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है।
ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा पाई जाती होते हैं, जो फेफड़ों को फ्री-रैडिकल्स से बचाने और कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं।
गाजर में विटामिन ए और बीटा-कैरोटीन पाया जाता है, जो फेफड़ों की सुरक्षा करते हैं और उनकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं।
पालक में मैग्नीशियम और आयरन पाया जाता है,जो ऑक्सीजन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करते हैं और फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं।
अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करता है और फेफड़ों की स्ट्रेंथ में सुधार लाता है।
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