दीपावली या दिवाली का अर्थ होता होता है दीपक की कतार, इस दिन हिन्दू अपने परिसर और आस पास दीपक वे रंग-बिरंगी रोशनी करते हैं, एक दूसरे से भेंट करते हैं, मिठाइयां खिलते हैं, और आधुनिक दिवाली में पटाखे जलाने का भी चलन शुरू हो गया है।
(रामायण) महाकाव्य के अनुसार जब राम अपने पिता जी श्री दशरत की आज्ञा का पालन करते हुए 14 साल के वनवास के लिए जाते हैं तब, उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण भी साथ चलती हैं, लेकिन जब अपने वनवास के 13 साल के अलग अलग क्षेत्र में बिताते हुए नासिक में अपना 13 वां वर्ष बिताते हैं उस समय वाल्मीकि रामायण के अनुसार, सीता का हरण हो जाता है, उनका हरण एक वृद्ध ब्राह्मण भिक्षु धरण किए हुए रावण द्वारा किया जाता है, हरण की घटना का वर्णन अरण्य कांड में वर्णित है, जब मारीच ने सोने के हिरण का रूप धारण कर राम और लक्ष्मण को दूर ले गया, और फिर रावण ने सीता का अपहरण कर लिया। जिसके पश्चात राम द्वारा सीता के वपास ले आने की प्रसिद्ध कथा शुरू होती है जिसमें वे हनुमान से मिलते हैं, और धीरे धीरे आपनी पूरी एक सीन खड़ी कर लेते हैं, इस बीच कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन आखिर में जब रावण का वध करने के बाद जब सकुशल राम व उनकी सेना अपने अपने रास्ते पर निकलते हैं तब उस वापसी की यात्रा जो कि अयोध्या में आकर खत्म होती है- जब राम, सीता और लक्ष्मण अपने घर यानि अयोध्या वापस आते हैं उस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है। उस दिन प्रसन्नता का स्तर आम प्रजा में बहुत ज़्यादा बढ़ा हुआ दिखाया गया है, कि उनके राजा राम एक लंबे अंतराल के बाद वापस आए हैं।
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बीते कुछ सालों में भारत में कई बार ऐसा देखा गया है कि कई त्योहारों की सही तिथि न पता होने के कारण लोग आखिरी दिन तक परेशान रहते हैं। ऐसा ही इस बार दिवाली के त्योहार के साथ भी देखा जा रहा है, कई लोगों को कन्फ़्युशन है कि आखिर दिवाली की सही तिथि कब है, वैश्वक कलनडेर में देखें तो 20 अक्टूबर की तारीख है। जो सामान्यतः सही भी है लेकिन समस्या उन लोगों के लिए है जो सटीक तिथि और समय से पूजा अर्चना करते है।
दिवाली 2025 कैलंडर | |
18 अक्टूबर | धनतेरस, प्रदोष व्रत, यम दीपम |
19 अक्टूबर | दिवाली (एक दीपक), मासिक शिवरात्रि काली चौदस, हनुमान पूजा |
20 अक्टूबर | दिवाली, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा चोपड़ा / शारदा / काली पूजा |
21 अक्टूबर | कार्तिक अमावस्या ( अमावस्या: 20 अक्टूबर 3:44pm - 21 अक्टूबर 5:54pm ) |
22 अक्टूबर | गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, द्यूत क्रीड़ा |
23 अक्टूबर | भा ( द्वितीया : 22 अक्टूबर 8:16pm - 23 अक्टूबर 10:46pm ) |
ई दूज, चित्रगुप्त पूजा, यम द्वितीया
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 7:08 PM से 8:18 PM (IST) (नई दिल्ली)
प्रदोष काल: 5:46 PM - 8:18 PM (IST)
वृषभ काल: 7:08 PM - 9:03 PM (IST)
अमावस्या तिथि: 20 अक्टूबर 2025 3:44 PM - 21 अक्टूबर 2025 5:54 PM (IST)