Bharat Taxi Service: अब Ola, Uber, Rapido की छुट्टी, जानें क‍िराया से लेकर सब कुछ

Bharat Taxi Service: देश की राजधानी दिल्ली में अब महंगी कैब राइड्स की समस्या खत्म हो सकती है। Ola, Uber और Rapido जैसी सेवाओं से परेशान यात्रियों के लिए 'भारत टैक्सी' (Bharat Taxi) नामक एक नई राइड सर्विस शुरू की गई है। इस ऐप के जरिए आप कैब, ऑटो-रिक्शा और बाइक तक बुक कर सकते हैं। यह सेवा अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुई है, लेकिन 51,000 से अधिक ड्राइवरों ने पहले ही इसके लिए साइन अप कर लिया है। यदि यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।

पायलट प्रोजेक्ट क्या होता है?

पायलट प्रोजेक्ट एक छोटे पैमाने पर, समय-सीमित परीक्षण है, जो किसी बड़े पैमाने के प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले उसकी व्यवहार्यता, लागत और प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है

क्‍या सस्‍ती होगी भारत टैक्‍सी की राइड?

हां, ये बात ब‍िल्‍कुल सही है क‍ि भारत टैक्सी की राइड सस्‍ती होगी। दरअसल, दूसरे ऐप्‍स से अलग भारत टैक्‍सी के क‍िराए में कमीशन नहीं होता और ना ही इसका क‍िराया संगठन और ड्राइवरों के बीच बंटता है। राइड के क‍िराए में म‍िलने वाली इंकम पूरी की पूरी ड्राइवर को म‍िलती है। सीधा राइड पार्टनर के पास।

ड्राइवरों को ज्‍यादा पैसा म‍िलेगा

इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स जो भुगतान करेंगे, वो ड्राइवरों को मिलेगा। ड्राइवर्स, संगठन को कमीशन नहीं देंगे। बल्‍क‍ि उन्‍हें मेम्‍बरश‍िप लेनी होगी। यह एक सप्‍ताह की हो सकती है या एक महीने की या इससे ज्‍यादा द‍िनों की। इसके अलावा उन्हें संगठन के बोर्ड में प्रतिनिधित्व और शेयर पर डिविडेंड भी दिया जाएगा। यह मॉडल ड्राइवरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है।

कौन-से फीचर्स मिलेंगे?

टैक्सी ऐप में सुविधा, ट्रांसपेरेंसी और सेफ्टी के लिए कई फीचर्स दिए गए हैं:

  • यूजर-फ्रेंडली मोबाइल राइड बुकिंग
  • ट्रांसपेरेंट किराया सिस्टम और कोऑपरेटिव प्राइसिंग मॉडल
  • गाड़ी ट्रैकिंग और मल्टी-लिंगुअल इंटरफेस
  • 24/7 कस्टमर सपोर्ट और टेक-इनेबल्ड असिस्टेंस
  • ड्राइवर और पैसेंजर के लिए सिक्योर और वेरिफाइड ऑनबोर्डिंग
  • सभी तरह की गाड़ियों के लिए इनक्लूसिव मोबिलिटी ऑप्शन
  • दिल्ली पुलिस के साथ पार्टनरशिप में बेहतर सेफ्टी फ्रेमवर्क

भारत टैक्सी ऐप को सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड चलाएगी, जो MSCS एक्ट 2002 के तहत रजिस्टर्ड एक मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव है। इसे दुनिया का पहला नेशनल मोबिलिटी कोऑपरेटिव बताया जा रहा है, जिसका मालिकाना हक पूरी तरह से ड्राइवरों के पास है, जिसमें सरकार का कोई हिस्सा नहीं है। इस कोऑपरेटिव के पास पहले से ही नई दिल्ली और सौराष्ट्र में 51000 से ज्‍यादा रजिस्टर्ड ड्राइवर-मेंबर हैं, जो इसे बीटा स्टेज पर सबसे बड़ा ड्राइवर-ओन्ड मोबिलिटी प्लेटफॉर्म बनाता है।