दो चरणों में हो सकते हैं चुनाव
अगर बिहार का चुनावी इतिहास उठा कर देखें तो वहाँ हमें दिखेगा कि बिहार में विधानसभा का पिछले सभी चुनाव करीब 30-35 साल के दौरान पांच-छह चरणों में होता था। आपको बता दें कि वर्ष 2010 का चुनाव छह, 2015 का पांच और 2020 का तीन चरणों में हुआ था। इस बार मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण की वजह से दुर्गा पूजा के पहले चुनाव की बाकी तैयारियां नहीं हो सकी थीं। इस महीने दीपावली और फिर लोक आस्था का महापर्व छठ भी है। त्योहारों के चलत 27-28 तारीख तक मतदान की संभावना नहीं है। आपको बता दें कि त्योहारों के धार्मिक महत्व को समझते हुए राजनीतिक दलों ने भी छठ के बाद ही मतदान की तारीखें रखने की अपील की थी। इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात यह भी है कि विधानसभा के कार्यकाल के प्रावधान के तहत 22 नवंबर के पहले बिहार में नई सरकार के लिए निर्णय होना है। इसलिए, माना जा रहा है कि दो चरणों में चुनाव कराया जा सकता है।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए होना है मतदान
बीते दिन बिहार दौरे के बाड़ देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार रविवार को पटना से लौटे, अपने दो दिन के बिहार दौरे के बाद अब मतदान की तारीखें घोषित करना ही बचा है। फिलहाल मतदाताओं का गहन पुनरीक्षण पूरा करने के बाद अब मतदाता सूची जारी की जा चुकी है। बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए अमूमन सितंबर अंत तक अधिसूचना जारी होती रही है। 2010 में 27 सितंबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी हुई थी और अंतिम छठे चरण का मतदान 20 नवंबर को कराया गया था। 2015 में तो 16 सितंबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी कर पांचवें और अंतिम चरण का मतदान 5 नवंबर को हुआ था। 2020 में पहले चरण की अधिसूचना 1 अक्टूबर को जारी हुई थी और तीसरे-अंतिम चरण का मतदान 7 नवंबर को हुआ था।∎