बरेली, उत्तर प्रदेश — 12 सितंबर 2025 की रात को बॉलीवुड अभिनेत्री दीशा पटानी के पैतृक घर पर गोलीबारी की घटना ने हलचल मचा दी है। इस घटना की पृष्ठभूमि उनकी बहन, सेवानिवृत्त मेजर ख़ुशबू पटानी के एक बयान से जुड़ी है, जिसे पिता जगदीश पटानी ने गलत तरीके से “मिसरेप्रेज़ेंटेड” कर पाने व परिवार की इज़्ज़त को ठेस पहुँचाने की साजिश बताया है। नीचे घटना की पूरी कहानी:
गोलीबारी की घटना:
दो अज्ञात बाइक सवार हमलावरों ने दीशा पटानी के निवास, सिविल लाइंस, बरेली में पिछले शुक्रवार की सुबह कई राउंड फायर किए।
पिता जगदीश पटानी ने बताया कि करीब 8-10 राउंड्स फायर किए गए, और हथियार विदेशी निर्मित (foreign-made) थे।
FIR और सुरक्षा:
Kotwali पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई है।
पुलिस, SSP, ADG सहित उच्च अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं, परिवार को सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
क्या बोला गया था:
ख़ुशबू पटानी ने Aniruddhacharya नामक धार्मिक प्रवचनकर्ता के उन बयानों की आलोचना की थी जहाँ उन्होंने कहा था कि “25 वर्ष से ऊपर की महिलाएँ जो लाइव-इन रिलेशनशिप में होती हैं, आमतौर पर ‘promiscuous’ होती हैं।
ख़ुशबू ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी थी कि यदि वह उनके सामने होतीं तो उन्हें बतातीं कि उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए हैं उनका अर्थ क्या है।
गलतफहमी और जुड़ाव:
बताया गया कि कुछ सोशल मीडिया संभवनाएँ और हैंडल्स ने ख़ुशबू के बयान को Premanand Ji Maharaj से जोड़ दिया, जबकि उनका बयान मूलतः Aniruddhacharya के लिए था।
ख़ुशबू ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने Premanand Ji Maharaj के बारे में कुछ भी नहीं कहा था, और उनका उद्देश्य धर्म या संतों का अपमान करना नहीं था।
जगदीश पटानी का बयान:
उन्होंने कहा है कि ख़ुशबू को misrepresented किया गया है और उनका नाम Premanand Ji महाराज के मामले में गलत तरीके से घसीटा गया।
उनका कहना है कि वे “सनातनी” हैं और संतों-साधुओं का सम्मान करते हैं। यदि कोई उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है, तो यह पूरी तरह से परिवार को बदनाम करने और उन्हें तुच्छ दिखाने की साजिश है।
धार्मिक और अभिव्यक्ति की आज़ादी:
जगदीश पटानी ने यह भी कहा कि यदि किसी संत ने महिलाओं के बारे में कोई टिप्पणी की है, तो उनकी बेटी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है; और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है।
Goldy Brar और Rohit Godara का दावा:
इस गोलीबारी की ज़िम्मेदारी Goldy Brar और Rohit Godara नामक गिरोहों ने ली है।
उन्होंने उनके बयान में लिखा कि “भविष्य में यदि देवी-देवताओं या संतों का सम्मान नहीं किया गया, तो कोई भी उनकी (पटानी परिवार की) घर से जीवित नहीं निकलेगा।”
समाचार मीडिया और सोशल मीडिया का रोल:
सोशल मीडिया और खासकर वायरल वीडियो/पोस्ट्स ने किस तरह से विवाद को बढ़ाया, गलतफ़हमियाँ फैलाई, और बयान का मतभेद बढ़ाया है, यह इस मामले में केंद्र में है।
कानूनी कार्रवाई की उम्मीद:
ख़ुशबू पटानी ने पहले भी “फेक न्यूज़” फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की बात कह चुकी हैं।
पुलिस भी इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज कर जांच कर रही है।
यह पूरा मामला सिर्फ एक बयान-वाद विवाद नहीं है, बल्कि ये दिखाता है कि सार्वजनिक आलोचना और सोशल मीडिया में ख़बरों का प्रसार किस तरह से लोगों की प्रतिष्ठा पर असर डाल सकते हैं। परिवार का दावा है कि बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और इसके परिणामस्वरूप उनके जीवन में जान‐ख़तरा उत्पन्न हो गया।