GST: दो-दरों वाली नई व्यवस्था से कई वस्तुएं हुईं सस्ती, आम आदमी को बड़ी राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार रात को गुड्स और सर्विसेज़ टैक्स (जीएसटी) में कई ऐतिहासिक बदलावों की घोषणा की। जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए इन फैसलों को 'जीएसटी 2.0' नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और आम जनता के लिए बोझ कम करना है। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी।

मुख्य घोषणाएँ:

दो-दरों की व्यवस्था: मौजूदा चार-स्लैब (12% और 28%) को हटाकर अब केवल दो मुख्य दरें - 5% और 18% - लागू होंगी।

40% का नया स्लैब: कुछ चुनिंदा 'सिन' (पाप) और लग्जरी वस्तुओं के लिए एक नया 40% का स्लैब बनाया गया है।

क्या-क्या हुआ सस्ता?

इस बदलाव से रोजमर्रा की कई चीजें सस्ती हो जाएंगी, जिससे आम आदमी को सीधा फायदा मिलेगा।

दैनिक उपयोग की वस्तुएं (जीएसटी 5%):

पैकेज्ड खाद्य पदार्थ: नमकीन, भुजिया, मिक्चर, मक्खन, घी, पनीर, मेवे, और अन्य पैकेज्ड स्नैक्स।

व्यक्तिगत देखभाल: हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप बार, टूथब्रश, शेविंग क्रीम, नैपकिन और डायपर।

घरेलू सामान: बर्तन, बच्चों की दूध पीने की बोतलें, सिलाई मशीन और उसके पुर्जे।

स्वास्थ्य और शिक्षा:

स्वास्थ्य बीमा: व्यक्तिगत हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी 18% से घटाकर 0% कर दिया गया है।

चिकित्सा उपकरण: थर्मामीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स पर जीएसटी 5% कर दिया गया है।

शैक्षणिक सामग्री: मैप, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, कलर्स, किताबें, नोटबुक और इरेजर जीरो जीएसटी के दायरे में आ गए हैं।

इलेक्ट्रॉनिक सामान और वाहन:

उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं: एसी, टीवी (32 इंच से ऊपर), मॉनिटर, प्रोजेक्टर, डिशवॉशर पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया।

ऑटोमोबाइल: छोटी कारें (1200सीसी तक पेट्रोल, 1500सीसी तक डीजल) और 350सीसी से कम की मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया।

क्या-क्या हुआ महंगा?

एक नया 40% जीएसटी स्लैब बनाया गया है, जिसमें इन वस्तुओं को रखा गया है:

'सिन' वस्तुएं: पान मसाला, सिगरेट, गुटखा। इन पर मौजूदा जीएसटी और सेस तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार का बकाया कर्ज नहीं चुकाया जाता।

अन्य: एरेटेड वॉटर (जैसे कोल्ड ड्रिंक्स), कैफीनयुक्त पेय और बड़ी साइज वाली लग्जरी कारें।

घोषणा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

राजस्व पर असर: दरों में कटौती से सरकार को लगभग 93,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होने का अनुमान है। हालांकि, 40% स्लैब से लगभग 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मीद है।

सर्वसम्मत निर्णय: यह फैसला जीएसटी परिषद के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया।

राजस्व हानि की भरपाई: राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई कैसे होगी, इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।

FAQ

जीएसटी में ये बदलाव क्यों किए गए हैं?

सरकार का लक्ष्य कर प्रणाली को सरल बनाना, आम आदमी पर से वित्तीय बोझ कम करना और घरेलू खपत को बढ़ावा देना है। इसे 'जीएसटी 2.0' सुधारों का हिस्सा माना जा रहा है।

क्या पेट्रोल और डीजल भी जीएसटी के दायरे में आएंगे?

नहीं, फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लागू करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है।

40% का जीएसटी स्लैब किन चीजों पर लगेगा?

यह स्लैब मुख्य रूप से पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, एरेटेड ड्रिंक्स (कोल्ड ड्रिंक्स) और बड़ी लग्जरी कारों पर लागू होगा।

क्या हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा?

जी हां, व्यक्तिगत हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों को अब जीएसटी से पूरी तरह छूट (0%) दी गई है।