जम्मू, [दिनांक] – जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास हुए भूस्खलन में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 31 तीर्थयात्री शामिल हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
26 अगस्त को जम्मू में बादल फटने के बाद नदियाँ उफान पर आ गईं, जिससे कई जगहों पर भूस्खलन हुआ। बड़ी-बड़ी चट्टानें, पेड़ और मलबा नीचे गिरने लगा, जिसकी चपेट में कई घर और तीर्थयात्री आ गए।
वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन
यह हादसा कटरा से मंदिर तक जाने वाले 12 किलोमीटर लंबे रास्ते के लगभग बीच में हुआ। रीसी के एसएसपी परमवीर सिंह ने बताया कि अचानक पानी के साथ पत्थर और मलबा गिरने लगा, जिसकी चपेट में कई तीर्थयात्री आ गए। शुरुआत में मृतकों की संख्या 6 थी, लेकिन ताजा अपडेट के मुताबिक यह बढ़कर 33 हो गई है। मरने वालों में 129 तीर्थयात्री शामिल हैं।
हादसे के बाद, वैष्णो देवी मंदिर के दो मार्गों में से हिमकोटी ट्रैक को बंद कर दिया गया। हालांकि, पुराने मार्ग पर यात्रा जारी थी, लेकिन बाद में उसे भी बंद कर दिया गया।
मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद लापरवाही?
इस हादसे के बाद प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश, बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी जारी की थी। इसके बावजूद, मचैल माता यात्रा और वैष्णो देवी तीर्थयात्रा को रोका नहीं गया, जिससे यह बड़ा हादसा हुआ। किश्तवाड़, कठुआ और रियासी जिलों में हुई भारी बारिश से अब तक कुल 136 लोगों की जान जा चुकी है।∎