कोलकाता में दुर्गा पूजा की तैयारियों को भारी बारिश और जलभराव ने बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। बारिश के कारण शहर के कई बड़े पंडाल पानी में डूब गए और उनकी सजावट, फर्श, बिजली उपकरण और डेकोरेशन को नुकसान पहुँचा है।
बारिश और जलभराव से कोलकाता के प्रमुख पंडाल जैसे बोसपुकुर तालबगान, हतिबगान नबीन पल्ली, जादवपुर एथलेटिक क्लब आदि में पानी घुस गया, जिससे कारीगरों की महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई। फर्श, डिजाइन, कपड़े, विद्युत आपूर्ति और सजावट की चीजें खराब हो गईं, वहीं बिजली के शॉर्ट सर्किट और करंट का भी खतरा बना रहा।
सोमवार देर रात से लगातार करीब छह घंटे मूसलधार बारिश के कारण पूरे कोलकाता में हालात बिगड़ गए। 24 घंटे में लगभग 247.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई - 30 साल का सबसे अधिक आंकड़ा। इससे सड़कों, रेलवे ट्रैक, एयरपोर्ट, प्लेटफार्म और निचले इलाकों में तीन-चार फीट तक पानी भर गया है। कई जगहों पर वाहन, घर, दुकानें और सार्वजनिक सुविधाएं ठप पड़ गईं।
बिजली के करंट की वजह से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है। प्रशासन ने घायलों और आम नागरिकों से घरों में ही रहने की अपील की है। दुर्गा पूजा समितियाँ अपनी पंडालों को बचाने के लिए पानी निकालने तथा विद्युत उपकरणों की मरम्मत का कार्य आपातकालीन रूप से कर रही हैं। कई स्थानों पर आयोजक पंडाल का केवल एक हिस्सा ही खोलने पर विचार कर रहे हैं।
पंडालों और शहर की सजावट में लगा महीनों का श्रम बारिश के पानी में डूबता दिखा, जिससे कारीगरों और श्रद्धालुओं में मायूसी है। इसके बावजूद समितियाँ और कलाकार पंडालों की मरम्मत व सजावट दुबारा शुरू करने की कोशिश में लगे हैं।
कोलकाता में दुर्गा पूजा की चमक इस बार बारिश और जलभराव की वजह से फीकी पड़ गई है। पंडालों को हुए नुकसान और जनजीवन के संकट के चलते उत्सव की खुशियाँ कम हो गई हैं, लेकिन समितियाँ और स्थानीय लोग दुबारा बेहतर व्यवस्थाएँ बनाने के प्रयास में जुटे हैं।