इजरायल का पाकिस्तान को करारा जवाब, प्रोपेगेंडा की हवा निकली

इजरायल ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उसके द्वारा चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान की हवा निकाल दी है। एक भारतीय सैन्य अधिकारी के खिलाफ पाकिस्तान की गलत टिप्पणी के बाद, इजरायल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक मजबूत प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इजरायल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध इतने मजबूत हैं कि नफरत फैलाने वालों के प्रयास कभी सफल नहीं होंगे।

दरअसल, पाकिस्तान ने इजरायल की एक महिला सैन्य अधिकारी का नाम जोड़कर एक झूठा मामला गढ़ने की कोशिश की थी। हालांकि, पाकिस्तान के इस फर्जी प्रोपेगेंडा का इजरायल ने त्वरित और तीखा खंडन किया। इजरायली दूतावास ने जोर देकर कहा कि इजरायल और भारत के बीच का रिश्ता इतना अटूट है कि বিদ্বেষ फैलाने वाले इसे किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचा सकते। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान चाहे जितनी भी झूठी खबरों का सहारा ले ले, उनकी नापाक हरकतें कभी सफल नहीं होंगी।

https://twitter.com/IsraelinIndia/status/1917427728195748209

भारत को मिला पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक समर्थन

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले से गहरे सदमे में है, जहाँ पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ले ली। बैसरन घाटी में छुट्टियां मना रहे पर्यटकों को आतंकियों ने धर्म के आधार पर निशाना बनाया और चुन-चुन कर गोलियां मारीं। पाकिस्तान और आतंकवादियों की इस कायरतापूर्ण हरकत से पूरे भारत में आक्रोश है, और देश इस जघन्य अपराध का बदला लेने के लिए दृढ़ संकल्पित है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को एक आतंकी देश घोषित करने की मांग उठाई है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का इरादा जताया है। भारत के इस रुख को दुनिया भर के कई देशों का समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीनों सेनाओं को पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत कर दिया है, जिसमें कार्रवाई का तरीका, समय और स्थान तय करने की स्वतंत्रता सेनाओं को दी गई है।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बड़े फैसले

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति अपना आक्रामक रवैया स्पष्ट कर दिया है। भारत ने पड़ोसी मुल्क के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं, जिनमें पाकिस्तानियों के वीजा रद्द करना, उन्हें देश से निकालना और अटारी सीमा को पूरी तरह से बंद करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, भारत ने 1960 से चली आ रही सिंधु जल संधि को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।∎