केरल: अभिनेत्री के साथ गैंग रैप में छह गिरफ़्तारी, अभिनेत्री ने कहा 'मेरे मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं हुई'

साल 2017 में केरल में एक अभिनेत्री के अपहरण और यौन उत्पीड़न मामले पर 12 दिसंबर को सेशन कोर्ट का फ़ैसला आया। कोर्ट के फ़ैसले पर अभिनेत्री ने रविवार को भावनात्मक एवं महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि कोर्ट ने उनके 'मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की' है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम पर किए गए पोस्ट का शीर्षक दिया- "ये वे कारण हैं जिनकी वजह से इस ट्रायल कोर्ट से मेरा भरोसा उठ गया"।

जानकारी के अनुसार, सेशन कोर्ट ने गैंग रेप, आपराधिक साज़िश, अपहरण, अवैध रूप से कैद में रखने, आपराधिक बल के इस्तेमाल, भरोसा तोड़ने और अश्लील तस्वीरें फैलाने के आरोपों में छह लोगों को 20 साल के जेल की सजा सुनाई।

साथ ही कोर्ट ने अभिनेता दिलीप को बरी कर दिया गया, ये कहते हुए की अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल नहीं रहा की वे अभिनेत्री पर हुए हमले के मास्टरमाइन्ड थे।

अभिनेत्री ने अपनी पोस्ट में कहा, "मेरे मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की गई। इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण सबूत मेमोरी कार्ड को कोर्ट की कस्टडी में रहने के दौरान भी तीन बार अवैध रूप से एक्सेस किया गया।"

उन्होंने कहा, "मैंने बार-बार मेमोरी कार्ड से छेड़छाड़ की उचित जांच की मांग की। लेकिन मुझे जांच रिपोर्ट कभी नहीं दी गई, जबकि मैंने कई बार इसके बारे में पूछा।"

अभिनेत्री ने कहा, "यह फ़ैसला कई लोगों को चौंका सकता है, लेकिन मुझे हैरानी नहीं हुई। 2020 से ही मुझे महसूस होने लगा था कि कुछ ठीक नहीं है। अभियोजन पक्ष ने भी इस बात पर ध्यान दिया कि मामले को हैंडल करने के तरीक़े में बदलाव आ रहा था, ख़ासकर एक विशेष अभियुक्त के संदर्भ में।"

उन्होंने कहा, "दो सरकारी वकीलों ने ख़ुद को इस मामले से यह कहते हुए अलग कर लिया कि अदालत का माहौल अभियोजन पक्ष के प्रति सही नहीं है। दोनों ने व्यक्तिगत तौर पर मुझसे कहा कि इस कोर्ट से इंसाफ़ की उम्मीद न करूं, क्योंकि उन्हें लगा कि कोर्ट का रवैया पक्षपाती है।"

हालांकि, अभिनेत्री ने छह अभियुक्तों को दोषी ठहराए जाने पर "आभार" व्यक्त किया, लेकिन उन्होंने कहा, "जब मैं निष्पक्ष सुनवाई के लिए लड़ रही थी, तब अभियुक्तों ने याचिका दायर कर मांग की कि वही जज इस मामले की सुनवाई जारी रखें।"

"इससे मेरे मन में और भी गंभीर संदेह पैदा हुए। मैंने अपनी चिंताएं बताते हुए भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा और हस्तक्षेप की मांग की।"

उन्होंने कहा, "सालों के दर्द, आंसुओं और भावनात्मक संघर्ष के बाद मुझे एक कड़वी सच्चाई पता चली: 'इस देश में हर नागरिक के साथ क़ानून के सामने एक समान बर्ताव नहीं होता।' अंत में इस फ़ैसले ने मुझे यह अहसास कराया कि ह्यूमन जजमेंट किस तरह से फ़ैसलों को प्रभावित कर सकते हैं। मैं यह भी जानती हूं कि हर अदालत एक तरह से काम नहीं करती।"

उन्होंने कहा कि वह इस लंबे सफ़र में उनके साथ खड़े रहने वाले हर व्यक्ति का दिल से धन्यवाद करती हैं।

उधर एक्टर दिलीप की पूर्व पत्नी और अभिनेत्री मंजू वारियर ने अपनी पोस्ट में कहा कि उनके मन में "अदालत के प्रति पूरा सम्मान है। लेकिन इस मामले में सर्वाइवर के लिए न्याय अभी अधूरा है। केवल अपराध को अंजाम देने वालों को सज़ा मिली है। जिसने इस जघन्य कृत्य की योजना बनाई और उसे संभव बनाया, वह चाहे कोई भी हो, अब भी आज़ाद घूम रहा है और यह भयावह है। न्याय तभी पूरा होगा जब इस अपराध के पीछे मौजूद हर व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाएगा।"