भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री Wang Yi के बीच नई दिल्ली में मुलाकात हुई। दोनों के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत हुई। यह मुलाकात 24वें दौर की विशेष प्रतिनिधि (SR) वार्ता के तहत हुई, जिसका मकसद भारत-चीन सीमा विवाद सुलझाना और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव कम करके शांति स्थापित करना था।
अजीत डोभाल ने बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि वर्तमान में दोनों देशों की सीमाएं शांत हैं। दोनों देशों के रिश्तों में भी सुधार हो रहा है, जो कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान PM मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी सहमति की वजह से हुआ है। दोनों देशों के रिश्तों में सुधार होने से कई दूसरे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ा है। भारत-चीन के कूटनीतिक संबंधों को 75 साल हो गए और यह समय उपलब्धि का उत्सव मनाने का है।
अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 75 साल में दोनों देशों के राजनयिकों और राजदूतों ने सेनाओं के प्रति जिम्मेदारी की निभाई है। सीमाएं शांत हैं। शांति और सौहार्द बना हुआ है। भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंध भी काफी मजबूत हुए हैं। चीन ने भारत की 3 प्रमुख चिंताओं का समाधान करने का वादा किया है। विदेश मंत्री वांग यी ने आश्वासन दिया है कि चीन भारत की उर्वरकों, दुर्लभ मृदा और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को पूरा कर रहा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत-चीन की सीमाओं पर शांति, सौहार्द और स्थिरता लौट रही है, यह देखकर काफी सुखद महसूस होता है। दोनों देशों की मीटिंग सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए जारी प्रयासों का ही हिस्सा है। भारत-चीन संबंधों में हाल के दिनों में आए उतार चढ़ाव दोनों देशों के लोगों के हक में नहीं थे, लेकिन संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों ने विकास के नए अवसरों को साधने में मदद मिली है।
मंत्री वांग ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि भारत और चीन के मजबूत संबंध दोनों देशों के लोगों के हक में हैं। अब हमें आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए और सीमा से जुड़े सवालों का हल ढूंढना चाहिए। अगर हम दोनों देश आपस में और ज्यादा सहमति बनाते हैं तो यह भारत और चीन दोनों के लिए अच्छा होगा।∎