J&K में आतंकियों की संख्या 131 पहुँची: 122 पाकिस्तानी, सिर्फ 9 स्थानीय—घुसपैठ में दोगुनी बढ़ोतरी

नवम्बर 2025 की नवीनतम इंटेलिजेंस रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या बढ़कर 131 पहुँच गई है। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 122 आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक हैं, जबकि स्थानीय आतंकियों की संख्या मात्र नौ है। यह आँकड़े इस बात की ओर स्पष्ट संकेत करते हैं कि सीमा पार से घुसपैठ कराने की कोशिशों में तेजी आई है।

यह संख्या साल की शुरुआत की तुलना में काफी अधिक है। मार्च 2025 में पाकिस्तानी आतंकवादियों की संख्या 59 दर्ज की गई थी, यानी कुछ महीनों में यह आंकड़ा दोगुने से भी ज्यादा हो गया। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह वृद्धि पाकिस्तान-समर्थित नेटवर्क द्वारा LoC के उस पार से लगातार बढ़ती घुसपैठ की कोशिशों का परिणाम है।

इसके जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों ने सतर्कता को और मजबूत किया है। सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियों ने 2025 में अब तक लगभग 45 आतंकवादियों को विभिन्न मुठभेड़ों में ढेर किया है। यह UT में चल रहे counter-terrorism ऑपरेशनों की तेज़ और आक्रामक रणनीति को दर्शाता है।

घुसपैठ के प्रयासों से सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव बढ़ा है, क्योंकि पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठन LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इलाके और मौसम के हिसाब से अवसर तलाशते रहते हैं। हालांकि, सुरक्षा बलों ने इस साल कई घुसपैठ की कोशिशें नाकाम की हैं।

एक और अहम पहलू यह है कि स्थानीय भर्ती बेहद कम है, जबकि विदेशी आतंकियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। विश्लेषकों का कहना है कि इससे स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बनाए रखने के लिए अब बाहरी आतंकवादियों पर अधिक निर्भरता बढ़ गई है।

रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब सेना, CAPF और स्थानीय पुलिस आतंकी नेटवर्क को तोड़ने, उनके लॉजिस्टिक सपोर्ट को खत्म करने और उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चला रहे हैं।