उस्मान हादी की मौत से सुलग उठा बांग्लादेश; आक्रोशित भीड़ ने 'प्रथम आलो' और 'डेली स्टार' के कार्यालयों को फूंका

छात्र नेता उस्मान हादी की दुखद मृत्यु के बाद बांग्लादेश में छात्रों के जनाक्रोश की चपेट में कई मीडिया दफ्तर आए हैं, कई जगह आगजनी हुई है, बताया जा रहा है कि इस पूरे हादसे में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका और राजशाही सहित कई शहरों में प्रमुख समाचार पत्रों, विशेष रूप से 'प्रथम आलो' (Prothom Alo) और 'द डेली स्टार' (The Daily Star) के कार्यालयों को निशाना बनाया है।

'प्रथम आलो' बांग्ला देश का एक बहुत लोकप्रिय एवं व्यापक रूप से प्रसारित होने वाला दैनिक समाचार पत्र है। 'द डेली स्टार' अँग्रेज़ी माध्यम का बांग्ला देश का लोकप्रिय अखबार है। बता दें कि छात्र नेता उस्मान हादी की मृत्यु पर मुख्य रूप से इन्हीं दोनों समाचार मुख्यालयों को निशान बनाया गया है, पूरे हादसे में दोनों ही मुख्यालयों को भारी नुकसान हुआ है।

media house dhaka

क्या है पूरा मामला ?

Maruf Hasan-AFPTV-AFP

वहाँ के पत्रकारों की माने तो, उग्र भीड़ ने मीडिया दफ्तरों के बाहर जमकर प्रदर्शन किए, उनके शीशे तोड़े, अखबारों की प्रतियां जलाई, कई जगहों पर दफ्तरों में आग लगाने की भी कोशिश की गई है,जिससे मीडिया कर्मियों में दहशत का माहौल है।

उस्मान हादी की मृत्यु कैसे हुई?

मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक, छात्र नेता उस्मान हादी पर शुक्रवार, 12 दिसंबर 2025 को ढाका के पुरानी पलटन (Bijoynagar) इलाके में हमला किया गया था बताया गया है कि वह एक बैटरी चालित रिक्शा में सवार होकर चुनाव प्रचार के लिए जा रहे थे। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर आए नकाबपोश हमलावरों ने उनके सिर में पीछे से गोली मार दी। इस हादसे में गोली उनके बाएं कान के ऊपर से घुसकर सिर के दूसरी ओर से निकल गई थी, जिससे उनके ब्रेन स्टेम (Brain Stem) को गंभीर नुकसान पहुँचा।

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हमले के तुरंत बाद ही उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज हस्पताल(DMCH) ले जाया गया, वहाँ तुरंत उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई, दिमाग से गोली पार होने के कारण पूरी स्थित गंभीर बनी हुई थी, इसलिए उन्हें 'लाइफ सपोर्ट' पर रखा गया था।

सिंगापुर एयरलिफ्ट: उनके नाजुक स्थित को ध्यान रखते हुए और उनके तत्कालीन स्थिति को देखते हुए उन्हें सिंगापुर जनरल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन छह दिन तक लगातार ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हादी की 18 दिसंबर को मृत्यु हो गई, बताया गया कि उनके शरीर के कई अंगों ने रीस्पान्ड करना बंद कर दिया था।

Osman Hadi

चूंकि हादी छात्र नेता थे, अब छात्र समुदाय उन्हें एक 'शाहिद' के रूप में देख रहे है। छात्रों का मानना है कि हादी की मृत्यु वहाँ की राजनीतिक अस्थिरता और पुरानी व्यवस्था के बचे-कुचे तत्वों के कारण ही युवाओं की जान जा रही है, हादी की मौत ने पहले से ही सुलग रहे असंतोष को एक उग्र आंदोलन में बदल दिया है।

इस पूरे मामले में मीडिया का दोष केवल ये माना गया है कि वे छात्रों की समस्याओं को ठीक तरह से नहीं कवर कर रहे हैं, न ही वे हादी की मृत्यु को कवर कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है की मीडिया केवल पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग करती आई है, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 'प्रथम आलो' और 'द डेली स्टार' जैसे अखबारों ने पिछले 15 वर्षों में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के "फासीवादी" शासन को बढ़ावा दिया और जनता की आवाज़ को दबाया।

Osman Hadi shooted in head

साथ ही मुख्यतः ऊपर उद्धृत दोनों मीडिया पेपर का भारत-समर्थक होने का भी आरोप और बांग्लादेश के हितों के खिलाफ काम करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं।

कई लोगों ने इसे धार्मिक कट्टरपंथी से भी जोड़ा है कहते हैं कि, ये इस्लाम विरोधी अजेन्ड पर काम कर रहे हैं।∎