भारत को दूसरी बार मिली टैरिफ धमकी, ट्रंप के मंत्री बोले- रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया तो...

Tariffs War: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने एक बार फिर भारत को दी एक और वार्निंग है और भारत पर सवाल भी उठाए हैं। इस वार्निंग में दो बातें मुख्य रूप से सामने आ रही हैं, उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका पर लगा टैरिफ हटाए और रूस से तेल खरीदना बंद करे, तभी व्यापार वार्ता होगी और व्यापार समझौते आगे बढ़ेंगे। भारत अपनी 1.4 अरब आबादी बताकर शेखी बघारता है। अगर इतनी आबादी है तो क्या यह आबादी मक्का नहीं खाती? अगर इतनी आबादी है तो भारत अमेरिका से मक्का क्यों नहीं खरीदता? अमरीकी मंत्री का का कहना है कि भारत के व्यापार संबंध एकतरफा हैं। सिर्फ अमेरिका भारत से आयात करता है, भारत अमेरिका से आयात नहीं करता।

आयात बढ़ाओ, वरना टैरीफ झेलो!

राष्ट्रपति ट्रंप के मंत्री लुटनिक ने कहा कि भारत अमेरिका के व्यापार पर टैरिफ लगाता है और अमेरिकी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाता है। वहीं अमेरिका को निर्यात करके अमेरिका के बाजार का फायदा भी उठाता है, यह कहां तक ठीक है? इसलिए जब तक भारत अमेरिका पर लगाया गया टैरिफ कम नहीं करेगा, भारत के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।उनका कहना है कि यदि भारत अगर रूस से तेल का आयात बंद कर दे तो बड़े फायदे रहेगा और अमेरिका के साथ व्यापार समझौते भी होंगे। वहीं दूसरी तरफ भारत अपनी बात पर अड़ा रहेगा तो अमेरिका  की टैरिफ और आर्थिक दबाव झेलना होगा।

भारत के अमेरिका एकतरफा संबंध?

ट्रंप के सहयोगी ने कहा कि भारत अमेरिका पर लगाए गए अपने टैरिफ कम करे साथ ही साथ अमेरिका के साथ वैसा ही व्यवहार करे, जैसा अमेरिका भारत के साथ करता है। मौजूद समय में अमेरिका के मुकाबले भारत कम आयात करता है जिससे अमेरिका को यह संबंध एकतरफा महसूस हो रहे हैं। अमेरिका का कहना है कि वह भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाकर सालों से की जा रही गलतियों को ठीक करना चाहते हैं। ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसमें से 25 प्रतिशत टैरिफ रूस से तेल व्यापार करने पर दंड स्वरूप लगाया गया है। अमेरिका द्वारा भारत पर लगा टैरिफ अन्य देशों पर लगे टैरिफ से कहीं ज्यादा है और इसके लिए भारत खुद जिम्मेदार है। यही राष्ट्रपति का मॉडल है। या तो आप इसे स्वीकार करें, वरना आपको दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता के साथ व्यापार करने में मुश्किल होगी।

रूस की ओर से भारत की सरहना

हालांकि इस पूरे मामले पर रूस की ओर से भारत को सरहना मिली। बता दें कि रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी करके भारत और रूस के संबंधों को मजबूत बताया गया है। रूस से तेल खरीदना बंद करने के दबाव के बाजवूद भारत के दृढ़ रवैये और रूस से तेल व्यापार को लेकर प्रतिबद्धता की तारीफ की। रूस की ओर से कहा गया है कि भारत और रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के संबंध मजबूत हैं और रहेंगे। अगर किसी ने इन संबंधों को बिगाड़ने का प्रयास किया तो उसे अंजाम भुगतना होगा। भारत और रूस आपसी तालमेल और सहयोग के साथ आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं और बढ़ते रहेंगे।