पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) का काम जारी है। इसी दौरान नदिया ज़िले में रिंकू तरफ़दार नाम की एक महिला बूथ लेवल ऑफ़िसर (BLO) ने आत्महत्या कर ली। उनके परिजनों का कहना है कि SIR के अत्यधिक काम के दबाव ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
पुलिस के मुताबिक़, रिंकू के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए चुनाव आयोग को ज़िम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर दुख जताते हुए एक्स पर सवाल किया है कि "आख़िर एसआईआर और कितने लोगों की जान लेगा?"
परिवार का कहना है कि रिंकू ने लगभग 95% ऑफ़लाइन काम पूरा कर लिया था, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। सुपरवाइज़र को बताने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली। रिंकू के पति असीम तरफ़दार ने आरोप लगाया कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि “आयोग की ओर से की गई हत्या” है।
कुछ दिन पहले ही बर्दवान ज़िले के मेमारी में नमिता हांसदा नाम की BLO की भी काम के दबाव के चलते ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई थी। इसके अलावा जलपाईगुड़ी ज़िले के चाय बागान क्षेत्र में शांति मुनि ओरांव नाम की BLO का शव बरामद हुआ था, जहाँ इसी तरह काम के बोझ की बात सामने आई।
हुगली ज़िले में भी एक महिला BLO काम के दबाव के कारण ब्रेन स्ट्रोक की शिकार हुईं और फिलहाल कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इससे पहले भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर SIR को अव्यावहारिक बताते हुए इसे तुरंत बंद करने की अपील कर चुकी हैं।