हज़रतबल दरगाह में 'भारत माता की जय' के नारे के बाद अब एक और विवाद खड़ा हो गया है। इस बार विवाद का कारण दरगाह के परिसर में लगी एक पट्टिका पर राष्ट्रीय प्रतीक (नेशनल एंब्लेम) का इस्तेमाल है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने इसे लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ बताया है और इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
सीएम ने उठाए तीन बड़े सवाल
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम उमर अब्दुल्लाह ने इस घटना पर तीन अहम सवाल उठाए:
क्या ज़रूरी था एंब्लेम का इस्तेमाल? उन्होंने कहा, "पहला सवाल यह है कि उस पत्थर पर एंब्लेम लगना चाहिए था या नहीं। मैंने अब तक किसी भी मज़हबी कार्यक्रम में इस तरह का एंब्लेम इस्तेमाल होते नहीं देखा है।"
नया पत्थर लगाने की क्या ज़रूरत थी? अब्दुल्लाह ने पूछा कि जब दरगाह में पहले से कोई पत्थर नहीं लगा था, तो नया पत्थर लगाने की क्या ज़रूरत थी?
शेख़ मोहम्मद अब्दुल्लाह ने ऐसा क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि दरगाह को उसका मौजूदा रूप शेख़ मोहम्मद अब्दुल्लाह ने दिया था, लेकिन उन्होंने भी कहीं ऐसे पत्थर नहीं लगवाए।
'लोगों के जज़्बातों से खिलवाड़'
सीएम अब्दुल्लाह ने कहा कि यह राष्ट्रीय प्रतीक केवल सरकारी कार्यक्रमों में इस्तेमाल होता है, न कि धार्मिक स्थलों पर। उन्होंने कहा, "लोगों के जज़्बातों के साथ खिलवाड़ हुआ है। कम से कम उसके लिए माफ़ी मांगी जाए।"
आपको बता दें, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग एक पट्टिका को तोड़ते हुए दिखाई दे रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोग इस पट्टिका पर मौजूद राष्ट्रीय प्रतीक से नाराज़ थे, क्योंकि उनका मानना था कि धार्मिक स्थान पर इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इस घटना के बाद, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।∎