चक दे फट्टे! कहाँ से आया? क्या मतलब होता है इसका?

चक दे फट्टे! आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा। लेकिन क्या आप इसका मलतब जानते हैं? यह एक ऐसा मुहावरा है जिसे सुनते ही मन में एक अलग-सा जोश और उत्साह भर जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह फ्रेज आखिर आया कहां से है और इसका असली मतलब क्या है?

दरअसल, इसकी शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी। उस समय, सिख योद्धा मुगलों के ठिकानों पर हमले करते थे। इन ठिकानों तक पहुंचने के लिए उन्हें कई नदियां और नहरें पार करनी पड़ती थीं। इसके लिए वे लकड़ी के बड़े-बड़े लट्ठों का इस्तेमाल करते थे, जिन्हें वे पुल की तरह बिछाकर रास्ता बनाते थे।

हमले के बाद, जब ये योद्धा वापस लौटते, तो वे इन फट्टों को अपने साथ उठा लेते थे। ताकि मुगल सेना उनका पीछा न कर सके। पंजाबी में 'उठाने' को 'चकना' कहते हैं और 'लट्ठों' को 'फट्टे' कहा जाता था। बस यहीं से यह प्रसिद्ध मुहावरा "चक दे फट्टे!" जन्म लिया। यह फ्रेज पंजाबियों के कभी हार न मानने वाले हौसले का प्रतीक बन गया।

तब से लेके आज सदियों बाद भी यह नारा चला आ रहा है, जहां उस समय में ये नारा युद्धों में इस्तेमाल हो रहा था वहीं आज गर्मजोशी के साथ खेल के मैदानों, और लोगों में जोश भरने के काम आता है। पंजाब में यह मुहावरा गानों के बीच में लोगों में जोश भरने के लिए अक्सर कहा जाता है।∎