Agni-Prime Missile: रेलवे मोबाइल लॉन्चर से किया सफल परीक्षण

भारत ने हाल ही में अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जिसकी मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर तक है और इसे पहली बार रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से दागा गया है।

परीक्षण की मुख्य बातें

  • अग्नि-प्राइम मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया।
  • यह मिसाइल आधुनिक तकनीक से लैस है, जो न्यूक्लियर और पारंपरिक दोनों हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • इसका संचालन भारतीय सामरिक बल कमान (SFC) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मिलकर किया।

अग्नि-प्राइम की विशेषताएँ

  • अग्नि-प्राइम दो-चरणीय कैनिस्टर आधारित बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी अधिकतम सीमा 2,000 किलोमीटर तक है।
  • इसकी लॉन्च प्रणाली रेल-आधारित है, जिससे इसे कहीं भी तैनात कर सकते हैं।
  • मिसाइल पहले की अग्नि मिसाइलों से हल्की और उच्च सटीकता वाली है।
  • इसमें मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक है, जिससे यह एकसाथ कई टारगेट्स पर वार कर सकती है।

सामरिक महत्व

  • अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण भारत की रणनीतिक क्षमता को विश्व मंच पर मजबूत करता है।
  • इससे देश की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में तकनीकी श्रेष्ठता और बढ़ेगी।

अग्नि-प्राइम मिसाइल की टेस्टिंग से भारत ने यह साबित कर दिया है कि उसकी रक्षा प्रणाली आधुनिक, भरोसेमंद और बहुआयामी है। 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल भविष्य में देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम है।