बिहार में फर्जी 'थाना' का खुलासा: पूर्णिया के गाँव में नौकरी के नाम पर ठगी का आरोप

June 11, 2025
बिहार में फर्जी 'थाना' का खुलासा: पूर्णिया के गाँव में नौकरी के नाम पर ठगी का आरोप

बिहार के पूर्णिया ज़िले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने 'फर्जी थाना' चलाकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की आशंका जताई है। यह घटना ज़िले की मोहनी पंचायत से जुड़ी है, जहाँ आरोप है कि एक कैंप ऑफिस बनाकर कथित तौर पर बिहार ग्राम रक्षा दल और होम गार्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से पैसे ऐंठे गए।

ट्रेनिंग के नाम पर ठगी का आरोप

यह कथित ठगी दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच हुई बताई जा रही है। पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें ग्राम रक्षा दल और होम गार्ड में नौकरी का झांसा दिया गया और इसके लिए 'थाने के कैंप ऑफिस' में ट्रेनिंग भी दी गई, जिसके एवज में उनसे मोटी रकम वसूली गई।

पुलिस का स्पष्टीकरण: 'फर्जी थाने जैसा कोई मामला नहीं'

हालांकि, पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने इस पूरे मामले परकरते हुए स्पष्टीकरण दिया है। एसपी शर्मा के मुताबिक, "फर्जी थाने जैसा कोई मामला नहीं है। पंचायती राज विभाग के अंतर्गत ग्राम रक्षा दल की 30 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। मुख्य अभियुक्त राहुल कुमार साह इसी बिहार ग्राम रक्षा दल से जुड़ा है।"

पुलिस का यह बयान इस मामले को एक नया मोड़ देता है, जहाँ एक ओर पीड़ितों द्वारा ठगी और फर्जी थाने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पुलिस इसे ग्राम रक्षा दल की ट्रेनिंग से जुड़ा बता रही है, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा कथित रूप से अनियमितताएं की गई हैं।

पुलिस अब इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या नए तथ्य सामने आते हैं।

क्या है मामला?

बिहार में पूर्णिया ज़िले के कसबा थाना क्षेत्र में मोहनी नाम की पंचायत के मध्य विद्यालय, बेतौना में दिसंबर 2024 में बिहार राज्य दलपति एवं ग्राम रक्षा दल का एक बैनर लगाकर एक महीने की कथित ट्रेनिंग दी गई।

बिहार ग्राम रक्षा दल एवं दलपति ग्रामीण इलाक़ों में किसी भी आपात स्थिति में काम करते हैं। इसमें 18 से 30 साल के नौजवानों को रखा जाता है जो आग लगने, बाढ़ आने, महामारी, शांति बनाए रखने, भीड़ को व्यवस्थित करने आदि के लिए काम करते है।

इसी ट्रेनिंग को पूरा कर चुके युवक-युवतियों ने अब नौकरी के नाम पर ठगी किए जाने की शिकायत की है। 23 साल की संजना कुमारी बी.कॉम की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने भी कसबा थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

संजना बताती हैं, "तक़रीबन नौ महीने पहले हमसे डेढ़ हज़ार रुपये लिए गए थे। हम कुछ दिन स्कूल (मध्य विद्यालय, बेतौना) में ट्रेनिंग लेने भी गए थे। राहुल ने कहा था कि अगर ग्राम रक्षा दल को मान्यता मिल जाती है तो हम सबको सरकारी नौकरी मिल जाएगी। लेकिन अब तो राहुल फ़रार हैं।"

एक अन्य महिला ने बताया, "हम उनको एनसीसी से जानते हैं और भाई मानते थे। पिछले एक साल से उसने क़रीब 300 लोगों को ठगा है। उसने सरकारी स्कूल में थाना बनाया और दारोगा बनकर घूमता था जबकि उसने ग्रेजुएशन भी नहीं किया है।"

"उसने मेरी मम्मी को भी वर्दी दी और कहा कि सरकारी नौकरी हो गई है। लेकिन मम्मी को एक बार भी सैलरी नहीं मिली। वर्दी में बीजीआरडी (बिहार ग्राम रक्षा दल) लिखा है। व दस से पंद्रह हज़ार रुपये मांगता था और कहता था कि 22 हज़ार रुपये सैलरी मिलेगी। उसने मुझे भी ज्वाइन करने को कहा था लेकिन मुझे संदेह हो गया।"

कई लोगों का दावा है कि राहुल ने भागलपुर, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार सहित कई ज़िलों के नौजवानों को नौकरी के नाम पर ठगा है।

एक व्यक्ति नरेश कुमार राय बताते हैं, "बेरोज़गारी में हमने ग्राम रक्षा दल का फ़ॉर्म भरा था, जिसके बाद हमें राहुल का फ़ोन आया कि हमारा चयन हो गया है। हमने क़र्ज़ा लेकर उसे पहले डेढ़ हज़ार रुपये और उसके बाद ढाई हज़ार रुपये दिए थे। उसने कहा था कि नौकरी मिल जाएगी लेकिन वो बाद में धमकाने लगा।"

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