नई दिल्ली: ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों और क्षेत्र में जारी तनाव के बीच, भारत के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। अगर ईरान से तेल मिलना बंद हो जाता है, तो भारत के पास क्या विकल्प हैं, इस पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने समाधान बताया है।
हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया है कि भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किसी एक देश या क्षेत्र पर निर्भर नहीं करता। उन्होंने कहा, हमारा पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे पास पर्याप्त ऊर्जा संसाधन हों।मंत्री के अनुसार, भारत ने पिछले कुछ सालों में अपनी आपूर्ति श्रृंखला को विविधतापूर्ण बनाया है, जिससे वह वैश्विक बाज़ार में होने वाले किसी भी बदलाव का सामना करने में सक्षम है।
पुरी ने जोर देकर कहा कि भारत की ऊर्जा रणनीति में लचीलापन है। इसका मतलब है कि अगर ईरान से आपूर्ति बाधित होती है, तो भारत अन्य उत्पादक देशों से तेल खरीद सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि देश के पास पर्याप्त रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (Strategic Petroleum Reserves) हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में देश की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।
अन्य विकल्पों पर भी ज़ोर है।
मंत्री ने बताया कि भारत के पास कई अन्य बड़े तेल उत्पादक देशों के साथ मज़बूत संबंध हैं, जैसे कि:
भारत इन देशों से अपनी तेल खरीद बढ़ा सकता है, जैसा कि उसने अतीत में भी किया है जब ईरान पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके अलावा, भारत नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) स्रोतों पर भी लगातार काम कर रहा है, जो लंबी अवधि में तेल पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा।
पुरी का बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ रहा है और अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों का असर दिख सकता है। उनका आश्वासन है कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी स्थिति का सामना करने में सक्षम है।∎