आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। पटियाला पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया है कि ठगों ने मनीष सिसोदिया के मोबाइल नंबर को एक्टिव करके कई ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। यह घटना साइबर अपराधियों की बढ़ती शातिराना चालों को उजागर करती है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि साइबर ठगों ने संभवतः मनीष सिसोदिया के नाम से जुड़े मोबाइल नंबर का गलत तरीके से इस्तेमाल किया। नंबर एक्टिव कर ठगी से आमतौर पर सिम स्वैप (SIM Swap) फ्रॉड या पहचान चुराने (Identity Theft) जैसे मामलों का संकेत मिलता है। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल कर उनके मोबाइल नंबर का डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी करवा लेते हैं या किसी तरह उनके नंबर पर नियंत्रण हासिल कर लेते हैं।
एक बार नंबर एक्टिव हो जाने के बाद, ठग इसका उपयोग बैंक खातों से जुड़े ओटीपी (OTP) हासिल करने, ऑनलाइन लेनदेन करने, या अन्य लोगों को धोखा देने के लिए करते हैं, जिससे असली खाताधारक को भारी नुकसान हो सकता है। यह दिखाता है कि कैसे हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों की पहचान का भी दुरुपयोग किया जा सकता है।
पटियाला पुलिस ने अपनी जांच के दौरान इस सनसनीखेज खुलासे की जानकारी दी है। हालांकि, पुलिस ने अभी इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है कि इस ठगी के माध्यम से कितना पैसा लूटा गया है या किन-किन लोगों को निशाना बनाया गया है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि साइबर अपराधी अब केवल आम जनता को ही नहीं, बल्कि प्रमुख हस्तियों को भी निशाना बनाने से नहीं हिचकिचा रहे हैं।
यह मामला आम जनता के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि वे अपने मोबाइल नंबरों और बैंक खातों की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहें। किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज, या पॉप-अप पर अपनी निजी या बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें। पुलिस इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए मामले की आगे की जांच कर रही है।∎