कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के भीतर जारी अंदरूनी कलह और संभावित बड़े बदलाव की अटकलों के बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार (1 जुलाई 2025) को इन खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है और सभी एकजुट हैं। हालांकि, उनके इस बयान के तुरंत बाद ही एक कांग्रेस विधायक ने खुले तौर पर मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की मांग कर दी, जिससे पार्टी की अंदरूनी खींचतान एक बार फिर सतह पर आ गई।
डीके शिवकुमार ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया, "मुझे अपने किसी भी विधायक से कोई सिफारिश नहीं चाहिए। मेरा कर्तव्य पार्टी के अनुशासन को और मजबूती देना है।" उन्होंने पार्टी नेताओं से स्थानीय निकाय चुनाव और 2028 के विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
डिप्टी सीएम ने बागी तेवर अपनाने वाले विधायकों को सख्त लहजे में चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि कोई विधायक अनावश्यक रूप से बोले... जो लोग बहुत बोल रहे हैं, उनके खिलाफ पार्टी हाईकमान निश्चित रूप से कार्रवाई करेगा। मैं नहीं चाहता कि कोई मेरा समर्थन करे। हम आपस में चर्चा करेंगे और समस्याओं का समाधान करेंगे।" शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है और उनकी प्राथमिकता विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना है।
इस दौरान, डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए रेल किराये को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष आर अशोक और कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र से इस पर प्रतिक्रिया मांगने हुए कहा, "केंद्र सरकार लगातार पेट्रोल, डीजल और अब रेल किराया बढ़ा रही है। आम आदमी के साथ खड़े रहना हमारा कर्तव्य है।"
डीके शिवकुमार के दावों के विपरीत, कर्नाटक के कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने बगावती तेवर दिखाते हुए साफ कहा कि पार्टी को लीडरशिप में बदलाव करना ही होगा।1 हुसैन ने कहा, "हमें बदलाव चाहिए। हम डीके शिवकुमार को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाकर रहेंगे।" उन्होंने शिवकुमार के पार्टी के प्रति बलिदानों का जिक्र करते हुए कहा, "उन्होंने (डीके शिवकुमार) ने पार्टी के लिए जितनी कुर्बानी दी है, वह बयां करना मुश्किल है।" अपनी बात पर अडिग रहते हुए उन्होंने चुनौती भी दी, "अगर मुझे सस्पेंड करना है तो कर दो। अगर मैं अपनी राय नहीं दे सकता तो नोटिस दो।"
कांग्रेस के कर्नाटक मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पार्टी के अंदरूनी मामलों को लेकर पिछले दो दिनों में विधायकों के साथ बैठकें कीं।2 उन्होंने कहा, "हम अपने विधायकों के साथ बैठक कर उनके क्षेत्रों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन कर रहे हैं। हम कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर कोई राय नहीं ले रहे हैं।" सुरजेवाला का यह बयान विधायक इकबाल हुसैन के बागी सुरों के बाद आया है, जो पार्टी के भीतर की खींचतान को और उजागर करता है।∎