सऊदी अरब के साथ मिलकर अमेरिकी खेमे में आते ही सीरिया की नई सरकार ने फिलिस्तीनी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि सीरिया जल्द ही अब्राहम अकॉर्ड में शामिल होकर इजरायल को मान्यता दे सकता है। फिलिस्तीनी आतंकी समूहों के खिलाफ यह कार्रवाई उसी दिशा में पहला कदम है। पहले सीरिया की पुरानी बशर अल-असद सरकार के दौरान इजरायल के खिलाफ सीरिया का मोर्चा खुला था, लेकिन अब माना जा रहा है कि सीरियाई मोर्चा करीब-करीब बंद हो गया है। सीरिया की नई अल-जुलानी सरकार ने सीरिया में फिलिस्तीनी संगठनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, जिससे उन्हें अपना ठिकाना छोड़कर सीरिया से भागना पड़ रहा है।
फिलीस्तीन में इजरायल के खिलाफ लड़ने वाले कई आतंकवादी समूह दशकों से दमिश्क से काम कर रहे थे। इन संगठनों को ईरान का सक्रिय समर्थन प्राप्त था। इनमें फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद, पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन जनरल कमांड (PFLP-GC) और कुछ अन्य संगठन शामिल हैं। हमास के सदस्यों को भी एक समय दमिश्क ने पनाह दी थी।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 3 मई को दमिश्क के अधिकारियों ने PFLP-GC के प्रमुख तलाल नाजी को हिरासत में ले लिया। इससे पहले अप्रैल के अंत में, नए अधिकारियों ने इस्लामिक जिहाद के दर्जनों सदस्यों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इन कदमों को सीरिया की नई सरकार द्वारा ईरान समर्थक समूहों पर नकेल कसने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है। फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह अक्सर ईरान समर्थक होते हैं। ईरान ने सीरिया की पुरानी असद सरकार का सालों तक समर्थन किया, और असद ने उन फिलिस्तीनी आतंकी समूहों का समर्थन किया जिन्होंने हमेशा इजरायल के खिलाफ हिंसा का सहारा लिया।
अब अहमद अल-शरा, जिसे अल-जुलानी भी कहा जाता है, की नई सरकार यह दिखाना चाहती है कि वह अमेरिका और पश्चिमी देशों के खेमे में है और इसलिए वह आतंकवादी समूहों पर नकेल कस सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई के मध्य में रियाद में अल-शरा से मुलाकात की थी, और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में सीरिया के साथ बातचीत के महत्व पर बात की थी। तुर्की में अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक अब सीरिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत हैं। उन्होंने 23 मई को लिखा कि "सीरिया के खिलाफ प्रतिबंधों को खत्म करना हमारे प्राथमिक उद्देश्य, ISIS की स्थायी हार को बनाए रखेगा और सीरिया के लोगों को बेहतर भविष्य का मौका देगा। इस तरह, हम तुर्की और खाड़ी सहित क्षेत्रीय भागीदारों के साथ मिलकर सीरियाई सरकार को शांति, सुरक्षा और समृद्धि की उम्मीद बहाल करने में सक्षम बना रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के शब्दों में, हम एक साथ काम करेंगे, और हम एक साथ सफल होंगे।"
वहीं, अल-अरबिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया की नई सरकार की सख्ती के बाद फिलीस्तीन के कई बड़े आतंकी नेताओं ने, जो पूर्ववर्ती बशर अल-असद शासन के करीब थे, सीरिया छोड़ दिया है। अल-अरबिया ने यह भी बताया कि सीरिया की नई सरकार के अधिकारी उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे और उनकी संपत्ति भी जब्त कर ली गई थी।
फ्रांस24 की रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि "गुटों ने अपने मुख्यालय में हथियार पूरी तरह से सौंप दिए हैं..."। एक अन्य सूत्र ने कहा, "हमने अपने सदस्यों के हथियार खुद ही इकट्ठा किए और उन्हें सौंप दिए, लेकिन हमने सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत हल्के हथियार रखे हैं..."। फ्रांस24 ने कहा, "दमिश्क के उपनगरों में यार्मुक फिलिस्तीनी शिविर में, जो युद्ध के दौरान तबाह हो गया था, उनके एंट्री गेट पर गुट के बैनर हटा लिए गए हैं और पार्टी के दफ्तर भी अब बंद हो चुके हैं।" रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सीरिया की नई सरकार ने इन गुटों और उनके नेताओं की संपत्तियां जब्त कर ली हैं।