टीएमसी सांसद माहुआ मोइत्रा के एक बयान पर इन दिनों देश भर में तीखा विवाद छिड़ गया है। यौन हिंसा पर चल रही एक बहस के दौरान, उन्होंने कथित तौर पर कहा था, "दोस्त ही दोस्त का रेप करे तो क्या कर सकते हैं?" इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक, हर तरफ कड़ी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
माहुआ मोइत्रा के इस बयान को लेकर उन पर "पीड़िता पर दोष मढ़ने" और यौन हिंसा जैसे गंभीर मुद्दे को हल्के में लेने का आरोप लगाया गया। विपक्षी दलों और महिला अधिकार संगठनों ने उनके बयान की कड़ी निंदा की और इसे बेहद संवेदनहीन बताया। आलोचकों का कहना है कि यह बयान इस बात पर ज़ोर देता है कि अगर अपराध किसी परिचित या दोस्त द्वारा किया जाए, तो उस पर क्या कार्रवाई की जाए।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने भारी गुस्सा ज़ाहिर किया, जहाँ कई यूज़र्स ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को किसी भी रिश्ते से जोड़कर देखने की मानसिकता की आलोचना की।
यहाँ यह समझना बहुत ज़रूरी है कि भारतीय कानून के तहत, यौन हिंसा के मामलों में अपराधी और पीड़िता के बीच के रिश्ते का कोई फर्क नहीं पड़ता। कानून की नज़र में, बलात्कार एक गंभीर अपराध है, चाहे वह किसी अनजान व्यक्ति द्वारा किया गया हो या किसी दोस्त, परिचित या परिवार के सदस्य द्वारा। ऐसे मामलों में पीड़ित को कानून का पूरा संरक्षण मिलता है और अपराधी को सख्त सजा का प्रावधान है।
सांसद के इस बयान ने एक बार फिर यौन हिंसा के प्रति समाज के नज़रिए और कानूनी प्रावधानों पर एक नई बहस छेड़ दी है।∎