पाकिस्तान की चिनाब और झेलम नदियों में हाल के दिनों में जल प्रवाह में उल्लेखनीय बदलाव देखा गया है, जो भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने और संबंधित बांधों के संचालन में किए गए परिवर्तनों का परिणाम है।
भारत ने जम्मू-कश्मीर में स्थित बगलिहार और सलाल डैम के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे चिनाब नदी का जल प्रवाह पाकिस्तान की ओर कम हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले जहां चिनाब का जलस्तर 25-30 फीट तक होता था, वह अब घटकर मात्र 2 फीट रह गया है । सैटेलाइट इमेजरी से भी इस जल स्तर में कमी की पुष्टि होती है, जिससे पाकिस्तान के सियालकोट और आसपास के क्षेत्रों में चिंता बढ़ गई है ।
वहीं, झेलम नदी में फिलहाल कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा गया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित मंगला डैम पर झेलम का प्रवाह 24 अप्रैल को 44,822 क्यूसेक था, जो 30 अप्रैल को थोड़ा घटकर 43,486 क्यूसेक हो गया । यह मामूली अंतर सामान्य मौसमी उतार-चढ़ाव के अंतर्गत आता है, और भारत द्वारा पानी रोकने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं देता।
सैटेलाइट इमेजरी और हाइड्रोलॉजिकल डेटा से संकेत मिलता है कि भारत ने चिनाब नदी पर पानी के प्रवाह को नियंत्रित किया है, जबकि झेलम नदी में अभी तक ऐसा कोई बदलाव नहीं देखा गया है ।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने और बांधों के संचालन में किए गए परिवर्तनों का पाकिस्तान की नदियों पर प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। चिनाब नदी में जल स्तर में गिरावट से पाकिस्तान के कृषि और जल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जबकि झेलम नदी में फिलहाल स्थिरता बनी हुई है। यह स्थिति क्षेत्रीय जल संसाधनों के प्रबंधन और द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।