आमतौर पर अगर आप किसी ऐप या फोन को लोकेशन न करवानी हो तो आप क्या करते हैं? यही की नोटफकैशन/सेटिंग्स में जाकर लोकैशन एक्सेस को बंद करते हैं? हाँ, मगर क्या हो अगर आपको कोई ट्रैक कर रहा हो? तब क्या GPS बंद कर देने से काम हो जाएगा? और क्या आप GPS बंद करने से संतुष्ट हो जाते हैं, शायद तब ज्यादा होते हों, जब लोकेशन बंद हो और आपका फोन या उसमें कोई ऐप तब आपका फोन आपसे लोकेशन की पर्मिशन माँगता है। इसका मतलब आप समझते हैं कि:
GPS बंद = Location बंद
तो चलिए जानते हैं की ऐसा है या नहीं? और कैसे आप अपने फोन की लोकैशन को पूरी तरह बंद कर सकते हैं। इस guide में हम scientifically और practically बताएँगे कि location tracking को अधिकतम कैसे neutralize किया जा सकता है, यहाँ बिना गलत facts, बिना myths और बिना किसी “जुगाड़” के साफ, सरल और सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी।
तो चलिए सबसे पहले इसके सरल पहलुओं पर बात करते हैं जिन्हें जानना आपके लिए बहुत जरूरी और उतना ही आसान है।
अगर आपको पता ये सामान्य बातें मालूम हैं तो पहले ही 80% लोगों से आगे हैं और जानते हैं GPS बस एक छोटी सी इकाई है, इसके बाद आता है Cell Tower Tracking, इस सिस्टम को सबसे मजबूत माना जाता है, आप फोन में GPS बंद कर दो तब केवल एक लेयर बंद होती है, तब भी आपका फ़ोन हर 2–5 सेकंड में नज़दीकी टावर को छोटा-सा signal भेजता है, जिससे network को पता चलता है कि आप किस इलाके में हैं। इसे पूरी तरह रोकना लगभग असंभव है जब तक phone zero-signal mode में न चला जाए।
Cell Tower Tracking के अलावा भी और भी तरीके हैं, जैसे Wi-Fi scanning hidden trackingजब आपके फोन का wifi बंद रहता है, वह तब भी आस पास के सभी राउटर को लगातार स्कैन करता रहता है, और companies इन routers के लोकेशन डेटाबेस से आपकी approximate location निकाल लेती हैं। इसके अलावा भी तरीके जैसे
Bluetooth scanning malls, airports और public places की indoor tracking में इस्तेमाल होती है। यह भी background में चलती है।
इनडोर ट्रैकिंग को IPS (Indoor Positioning System) भी कहा जाता है। यह उन तकनीकों का एक समूह है जिनका उपयोग ऐसे स्थानों पर नेविगेशन और लोकेशन-आधारित सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाता है जहाँ GPS काम नहीं करता या उसकी सटीकता बहुत कम हो जाती है।
Google/Apple location services असली background tracking हैं। Location accuracy, reporting और history, यह तीनों मिलकर हर कुछ मिनट में आपकी movement collect करते हैं।
जैसा कि ऊपर हम बात कर रहे थे, GPS को बंद करना करना कितना असरदार साबित हो सकता है, यही अंतिम स्टेप है ऐसा कहना गलत होगा, ये केवल शुरुआती स्टेप है, क्योंकि इसे बंद करने से phone navigation systems को location देना बंद कर देता है। लेकिन इससे सिर्फ 20–25% tracking neutralize होती है, बाकी background systems चालू रहते हैं। यहाँ से चीजें थोड़ी टेक्निकल और सीरीअस होना शुरू होंगी।
सीधे से समझे तो सभी एंड्रॉयड फ़ोनों में Tracking Google की 'Location accuracy' से आती है, जब तक यह ऑन है, wifi, bluetooth, और आस पास के सिग्नलस से सटीक लोकेशन निकलता ही रहेगा, चाहे आपका GPS बंद हो।
अब ये बात साफ जाहीर है गूगल हर व्यक्ति की हर एक गतिविधि को नोट करता है, सेव करके रखता है, इसका मतलब, गूगल के पास आपकी real-time location भी है इसे बंद करने से आपकी मॉवमेंट हिस्ट्री बंद होगी साथ ही background reporting रुकती है।
इसका मतलब है अगर आप लोकेशन हिस्ट्री बंद कर दें, तो इसका सीधा असर आपकी लोकेशन शेरिंग पर पड़ेगा, और आपकी लोकेशन बंद होगी। ये बंद करना जरूरी है क्योंकि history on रहने पर GPS off होने पर भी Google periodic location logs बना लेता है।
आमतौर पर यही पता होता है GPS बंद करो और हो गया काम पर नहीं अभी तक बताए गए और आगे बताए जाने वाले सभी स्टेप्स को ठीक से फॉलो करने से आप पूरी बात समझ पाएंगे। बहरहाल, यह step सबसे कम लोगों को पता होता है, लेकिन tracking रोकने में सबसे critical है। फ़ोन Wi-Fi और Bluetooth scanners के जरिए indoor location detect करता है।
Settings>Location>Scanning>
Wi-Fi Scanning>Off
Bluetooth Scanning>Off
यहाँ तक आते आते आपके फोन की 50% active tracking बंद हो चुकी है।
हम सभी आज कल फोन और ऐप्स से ही घिरे हुए हैं, अगर आपके फोन में 80-100 ऐप्स हैं तो ये सामान्य बात है हालांकि इनमें से लगभग 60% फोन में पहले से आते हैं, कम सेक्योर फोनों में इनका प्रतिशत और बढ़त है, खैर, तो ये ऐप्स आपसे कई तरह की पर्मिशन लेते हैं, कुछ जरूरी भी होती हैं, लेकिन कई ऐप्स ऐसे हैं जिन्हें आपकी लोकेशन की जरूरत नहीं है पर वह आपके डाटा का इस्तेमाल करना चाहते हैं, इसलिए वे गैर जरूरी पर्मिशन भी लेते हैं। इसी लिए ध्यान दीजिए कि कौन से थर्ड पार्टी ऐप्स आपके फोन में एक्स्ट्रा पर्मिशन ले रहे हैं। जिन ऐप्स का आप इस्तेमाल न करते हो उन्हें तरंत डिलीट करें, ये आपके और आपके फोन के लिए एक सेक्योर स्टेप होगा।
हम जानते हैं, हर app पर location होना जरूरी नहीं है, लेकिन बहुत से apps इसे quietly इस्तेमाल करते रहते हैं। इसलिए एक बार में सबकी permissions reset करो:
Settings>Apps>Permissions>Location>“Deny for all”
Maps/Taxi apps>“Allow only while using”
इन स्टेप्स के बाद अप थोड़ी राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि आपने Location Tracking रोकने के एक बड़े पड़ाव को पार कर लिया है। लेकिन इससे भी आप पूरी तरह सेक्योर नहीं हुए हैं, अभी भी काफ़ी हद तक आपको ट्रैक किया जा सकता है।
Mobile tracking का सबसे मज़बूत हिस्सा SIM और network है। अगर आपके फोन में SIM लगी है तो आपका फोन ट्रैक हो सकता है, phone tower को ping करता रहेगा>location approximate मिलती रहेगी। [फोन ट्रैकिंग और टॉवर से संबधित जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें, जाने आपका फोन कैसे ट्रैक होता है, कौन कौन करता है]
Neutralize के दो तरीके हैं:
Airplane Mode ON करें>tower tracking instantly रुक जाती है
SIM निकाल दें>user identity vanish, लेकिन कुछ rare cases में IMEI detectable रहता है
अभी तक जीतने भी तरीके बताए हैं, उनसे साफ हैं कि ट्रैकिंग रुकती है, लेकिन पूरी तरह नहीं, उसके लिए क्या ? उसके लिए अब बात करते हैं:
यहाँ आपका फोन Zero-signal mode में रहेगा इस स्थिति में phone कोई signal बाहर नहीं भेजता।
इस स्थिति में tracking लगभग impossible हो जाती है, लेकिन आपको कुछ सेटिंग्स का ध्यान रखना होगा जैसे की:
Airplane Mode ON
Wi-Fi OFF
Bluetooth OFF
GPS OFF
Location History OFF
SIM Removed (optional)
इसे ही practically untraceable state माना जाता है (सिवाय ultra-advanced national security systems के)। अब बात 95% पर या चुकी है, आपकी ट्रैकिंग होना लगभग न मुमकिन हैं, लेकिन ये अंतिम 5% ही सबसे कठिन हैं, क्योंकि यहाँ मसला IMEI से जुड़ गया है।
इसमें अगर आपके फोन में सिम नहीं है तब SIM न होने पर भी device का IMEI emergency-level signals में detect हो सकता है।
Location नहीं मिलेगी, लेकिन device identity मिल सकती है।
अगर Airplane Mode बंद कर दिया तो network logs फिर activate हो जाते हैं।
References
(ये section जरूर रखना—Google YMYL में trust boost होता है)
GSMA - IMEI & Anti-Cloning Whitepaper
GPS, Google Accuracy, History, Wi-Fi scanning, Bluetooth scanning और app permissions—all बंद करके और network को airplane mode में रखकर tracking लगभग 95% neutralize होती है।
Tower tracking नहीं होती, लेकिन Wi-Fi चालू कर दोगे तो location अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
Identity tracking बंद हो जाती है, लेकिन device IMEI limited cases में detectable रह सकता है।
नहीं। IMEI बदलना illegal है और modern networks इसे detect कर लेते हैं।
Normal cases में 30–90 minutes, serious cases में 10–20 minutes और national security cases में real-time tracking possible होती है।