बारकोड एक मशीन रीडऐबल कोड होता है, इसमें सीधे सफ़ेद-काली लाइंस का पैटर्न होता है। यह लाइंस जिस प्रोडक्ट/वस्तु पर लगा है, उसकी यूनीक जानकारी को एन्कोड करके रखता है। जानकारी जैसे प्राइस, आइडी, प्रोडक्ट विवरण। बारकोड को स्कैनर से पढ़ा जाता है, और डेटा हॉरिज़ोंटल (1D) फॉर्मेट में स्टोर किया जाता है।
और सीधी भाषा में कहें तो, Barcode यानी, काली-सफ़ेद लंबी लाइंस को जो प्रोडक्ट की जानकारी मशीन को देती है।
जब आप स्कैनर से बारकोड पर लैज़र लाइट डालते हो तो तब जो बारकोड का सफेद हिस्सा है वो लैज़र को रिफ्लेक्ट करता है और ब्लैक पार्ट पूरी लाइट सोख लेता है, ये एक स्कूल का आसान-सा विज्ञान का कान्सेप्ट है जिसे अमूमन हम सभी ने पढ़ा है।
अब वो लाइट रिफ्लेक्ट होकर वापस आई है स्कैनर उस लाइट में जो भी जानकारी आई है उसे बाइनरी(कंप्युटर की एक भाषा होती है, कंप्युटर सभी कमांड को 0 से 1 के बीच की संख्याओं में समझता है जिसे फिर आगहे दूसरी मानवीय भाषा में बदलता है) में बदलता है, यानी 0 और 1 और कंप्युटर उस डाटा को समझ कर डिस्प्ले पर पूरी जानकारी दिखाता है।
*इस पूरी प्रक्रिया में बारकोड की काली (चालू/ऑन) लाइन बाइनरी के '1' को दर्शाती है, और सफेद'0' (बंद/ऑफ) को।
QR कोड बारकोड की तुलना में कहीं ज्यादा advanced है, क्योंकि QR कोड एक 2D (Two dimensional) स्क्वेर आकार का कोड होता है, 2D होने से इसके डाटा स्टोर करने की क्षमता बारकोड से अधिक हो जाती है, क्योंकि बारकोड एक 1D कोड है। QR कोड में देता स्क्वेर आकार के ब्लॉक्स में स्टोर होता है।
जब आप QR को फोन से स्कैन करते हैं, कैमरा उसकी तस्वीर लेकर software के जरिए पूरे पैटर्न को decode करता है।
QR कोड में एक और फीचर है जो बारकोड में नहीं मिलता, जिसे error correction कहते हैं, इसकी वजह से QR कोड थोड़ा फट भी जाए, गंदा हो जाए या उस पर खरोंच आ जाए तो भी वह आसानी से स्कैन हो सकता है।
बारकोड की ही तरह जब आप अपने फोन या किसी भी स्कैनर से QR(Quick Response) कोड को स्कैन किया जाता है तो, यहाँ सबसे पहले उस इमेज को कैप्चर किया जाता है, और स्कैनर उस इमेज को बाइनरी में पढ़ता कर पहले से एनकोडेड डेटा को डिकोड करता है।
2D स्ट्रक्चर होने की वजह से यह ज्यादा डेटा (लिंक, पेमेंट, WiFi, टेक्स्ट) स्टोर कर सकता है साथ ही Error correction QR को टूट-फूट में भी स्कैन होने देता है।
*QR कोड में बाइनरी के 1 और 0 को काले और सफेद वर्गों (modules) द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ एक काला वर्ग (Black Module) '1' (चालू/ऑन) को और एक सफेद वर्ग (White Module) '0' (बंद/ऑफ) को दर्शाता है।
बारकोड का इस्तेमाल हर उस जगह होता है, जहाँ प्रोडक्ट या वस्तु की किसी भी जानकारी का आदान-प्रदान तेजी से करना हो, बारकोड पहचान प्रक्रिया को फ़ास्ट, ऑटोमेटेड और एरर-फ्री बना देता है।
बारकोड के इस्तेमाल की कुछ सामान्य जगहें:
सुपरमार्केट और रिटेल स्टोर्स
प्राइस स्कैनिंग, बिलिंग, इन्वेंट्री मैनेजमेंट और प्रोडक्ट आइडेंटिफिकेशन के लिए बारकोड का उपयोग होता है।
प्रोडक्ट ट्रैकिंग
फैक्ट्री से लेकर वेयरहाउस और डिलीवरी तक हर सामान को ट्रैक करने के लिए बारकोड इस्तेमाल किया जाता है।
लॉजिस्टिक्स और कूरियर सर्विसेज़
पार्सल, शिपमेंट और कार्गो मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए बारकोड सबसे भरोसेमंद तरीका है।
लाइब्रेरी सिस्टम
किताबें, कार्ड और रिटर्न/इश्यू इतिहास को ट्रैक करने में बारकोड मदद करता है।
एसेट मैनेजमेंट
कंप्यूटर, मशीनें, ऑफिस इक्विपमेंट, मेडिकल डिवाइस—कंपनियाँ अपने सभी एसेट्स पर बारकोड लगाकर उन्हें मैनेज करती हैं।
आज के डिजिटल दौर में जीतने QR हम रोजाना देखते हैं, स्कैन करते हैं उतने हमने कभी बारकोड भी नहीं देखे होंगे, जबकि हर पैक्ड चीज पर होता है, फिर भी हम उस पर ध्यान देते हैं, बहरहाल, इसका मुख्य कारण ये है कि बारकोड एक आम इंसान की ज़िंदगी में कोई भी काम आसान नहीं करता, वहीं QR कोड ने हमारी ज़िंदगी का अब एक अटूट हिस्सा हो गया है, पेमेंट से लेकर फूड मेनू तक QR कोड स्कैन करके देखे जाने लगे हैं।
QR कोड के इस्तेमाल की कुछ सामान्य जगहें:
UPI पेमेंट
भारत में QR कोड का सबसे बड़ा उपयोग डिजिटल पेमेंट है। Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे ऐप QR स्कैन करके तुरंत पेमेंट पूरा कर देते हैं।
वेबसाइट लिंक शेयर करना
किसी भी लिंक, फॉर्म या पेज को सीधे ऑडियंस तक पहुंचाने के लिए QR कोड इस्तेमाल होता है। स्कैन करते ही URL ओपन हो जाता है।
लॉगिन ऑथेंटिकेशन
WhatsApp Web, Paytm Web, और कई बैंकिंग ऐप QR कोड स्कैन करके device login की सुविधा देते हैं। यह पासवर्ड से भी ज़्यादा सुरक्षित होता है।
WiFi Sharing
कई जगह (कैफ़े, ऑफिस, होम राउटर) पासवर्ड टाइप करने के बजाय QR स्कैन करके WiFi से सीधे कनेक्ट करने का विकल्प मिलता है।
डिजिटल मेन्यू और स्मार्ट सर्विसेज़
रेस्टोरेंट में मेन्यू ओपन करने, ऑर्डर ट्रैक करने या ऑफर देखने के लिए QR कोड का इस्तेमाल आम हो गया है।
हम पहले ही बात कर चुके हैं, कि बार कोड क्या है, कहाँ इस्तेमाल होता है, अब देखते हैं बार कोड कितने तरह के होते हैं, जो बारकोड आपकी नमकीन के पैक पर आता है और जो बारकोड उस नमकीन के बैच पर लगा है वे दोनों एक ही होते हैं या नहीं? आइए जानते हैं।
1. UPC (Universal Product Code)
बारकोड का ये टाइप 12 अंकों का होता है, इसे रीटेल वस्तुओं पर लगाया जाता है, इन बार अंकों की काली सफेद पट्टियों में प्रोडक्ट और उसके निर्माता की पहचान होती है। सुपरमार्केट और रिटेल स्टोर्स में इसका व्यापक उपयोग होता है।
2. EAN (European Article Number)
ये बारकोड UPC का ही अंतर्राष्ट्रीय रूप है, आमतौर पर ये 13 अंकों का ही होता है, कुछ छोटे प्रोडक्ट्स में EAN-8 भी इस्तेमाल होता है। इसका उद्देश्य प्रोडक्ट की वैश्विक पहचान सुनिश्चित करना है। अंतरराष्ट्रीय बिक्री वाले प्रोडक्ट्स में यह जरूरी है।
3. Code 39
यह अल्फ़ान्यूमेरिक बारकोड है, यानी अक्षर और नंबर दोनों पढ़ सकता है। ऑटोमोटिव, इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रानिक्स, और छोटे पैमाने पर प्रोडक्ट लेबलिंग में उपयोग होता है।
4. Code 128
एक डेन्स डाटा रखने की क्षमता रखने वाला बारकोड है, यह अल्फ़ान्यूमेरिक बारकोड छोटे स्थान में ज्यादा डेटा स्टोर कर सकता है।, शिपिंग और ट्रैकिंग सिस्टम में आदर्श है। पूर्ण ASCII सपोर्ट (अक्षर, संख्या, प्रतीक), और बिल्ट-इन चेक डिजिट होता है, जो इसे आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स के लिए बेहतर बनाता है, जबकि Code 39 की डेटा क्षमता कम (सिर्फ 43 वर्ण) होती है, लेकिन यह सरल है और ऑटोमोटिव/रक्षा में उपयोग होता है, जो बिना चेक डिजिट के सेल्फ-चेकिंग करता है।
5. PDF417
इसमें बारकोड और QR का मिश्रण देखने को मिलता है, यह एक 2D बारकोड है, जिसमें डेटा वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल दोनों दिशाओं में स्टोर होता है। इस कोड में टेक्स्ट, फोटो या डिजिटल सिग्नेचर जैसे बड़े डेटा को संभाल क्षमता है। पहचान पत्र, बोर्डिंग पास और लॉजिस्टिक्स में इसका उपयोग किया जाता है।
हम देख सकते हैं की 5 तरीकों के बारकोड होते हैं,इन सभी बारकोड का इस्तेमाल आवश्यकता/उत्पाद अनुसार किया जाता है।
1. Static QR Code:
Static QR कोड में एक बार डेटा एन्कोड हो जाने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता। यह छोटे और स्थायी डेटा के लिए सही होता है, जैसे वेबसाइट लिंक, वाई-फाई पासवर्ड या विजिटिंग कार्ड की जानकारी।
2. Dynamic QR Code:
Dynamic QR कोड में डेटा को बाद में भी अपडेट किया जा सकता है।
इसका उपयोग मार्केटिंग, ट्रैकिंग और प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए किया जाता है।
यह स्कैनिंग एनालिटिक्स को भी सपोर्ट करता है।
3. Micro QR Code:
Micro QR Code छोटे आकार वाले QR कोड होते हैं।
यह सीमित डेटा स्टोर कर सकते हैं।
छोटे प्रोडक्ट पैकेज या छोटे लेबल पर इस्तेमाल किया जाता है।
4. Model 1 और Model 2 QR Code:
Model 1 QR Code पुराने प्रकार का होता है, जिसमें कम डेटा स्टोर होती है।
Model 2 QR Code नया और ज्यादा लोकप्रिय मॉडल है, जो अधिक डेटा, बेहतर एरर करेक्शन और स्कैनिंग क्षमता प्रदान करता है।
बारकोड बनाने में कोई भी रॉकेट साइंस नहीं है, सीधे और आसान से 2 से 3 स्टेप्स में आप मन चाहा बारकोड बना सकते हैं।
बारकोड बनाने के लिए सबसे आसान तरीका ऑनलाइन बारकोड जनरेटर का उपयोग है। ये टूल आपको डेटा एंटर करने, बारकोड का प्रकार चुनने और तुरंत इमेज डाउनलोड करने की सुविधा देते हैं। चाहे UPC हो, EAN, Code 39 या Code 128, हर फॉर्मेट ऑनलाइन बन जाता है। बस अपना प्रोडक्ट कोड या टेक्स्ट डालो और “Generate” कर दो।
जैसे ही आप किसी भी टूल में डेटा डालते हैं टूल आपसे बारकोड को डाउनलोड करने के लिए एक फॉर्मैट चुनने के लिए कहेगा। आप वहाँ, PNG, SVG या JPG किसी भी फॉर्मैट में डाउनलोड कर सकते हैं।
बारकोड बनाने के बाद उसे प्रिंट करने के लिए सही printable format चुनना जरूरी है, वरना स्कैनर पढ़ नहीं पाएगा।
आमतौर पर बारकोड के लिए PNG या SVG फॉर्मैट ही अच्छे रहते हैं क्योंकि इनकी क्वालिटी खराब नहीं होती। प्रिंटिंग के लिए 300 DPI या उससे ज्यादा रिजॉल्यूशन बेहतर है। अगर आप लेबल प्रिंटिंग मशीन इस्तेमाल कर रहे हो तो थर्मल-प्रिंटर-फ्रेंडली फॉर्मेट चाहिए।
'QR कोड जनरेटर' अगर आप गूगल पर ऐसे लिख कर सर्च करें तो बहुत आसानी से आपको एक ऐसी वेबसाईट मिल जाएगी जो QR कोड बना देगी, जैसे हमने ऊपर बारकोड के लिए बताया बस वैसे ही 2-3 स्टेप्स में आपका QR कोड बन कर तैयार हो जाएगा।
ये तो हुई स्टैटिक QR बनाने के लिए अब बात करते हैं डायनामिक QR की:
इसके लिए आपको गूगल पर डायनामिक QR कोड जनरेटर डालना होगा आपको बता दें की इस तरह के QR में डेटा बाद में भी बदला जा सकता है। इस तरह के QR मार्केटिंग कैंपेन, प्रोडक्ट अपडेट या टाइम-टू-टाइम बदलने वाली जानकारी के लिए बेहतर। इसमें स्कैन एनालिटिक्स, लोकेशन डेटा और क्लिक ट्रैकिंग भी मिलती है।
इसके अलावा अगर आप अपने ब्रांड का QR चाहते हों तो उसके भी विकल्प मौजूद हैं। जैसे:
Custom Logo QR:
अगर ब्रांडिंग करनी है, तो कस्टम लोगो वाले QR कोड सही रहते हैं। इसमें QR के बीच में आपका बिज़नेस लोगो, फोटो या आइकन लगाया जा सकता है। ये ज़्यादा आकर्षक दिखता है, और यूजर भरोसे से स्कैन करते हैं।
ध्यान रहे: लोगो लगाते समय एरर करेक्शन लेवल हाई चुनना पड़ेगा वरना स्कैनिंग प्रभावित हो सकती है।
अगर आपको किसी डेटा को ट्रैक करना हो उस स्थिति के लिए:
Trackable QR:
ये QR स्कैनिंग डेटा रिकॉर्ड करते हैं। कितनी बार, किस लोकेशन से, और किस डिवाइस से स्कैन हुआ, सब ट्रैक होता है। ये QR मार्केटिंग, पोस्टर्स, पैकेजिंग और विज्ञापनों में बेहद उपयोगी।
QR और बारकोड कितने सुरक्षित हैं?
QR कोड और बारकोड सुरक्षित तभी हैं जब यूजर सावधान रहे। ये खुद खतरनाक नहीं, लेकिन इनका गलत इस्तेमाल आसानी से हो जाता है। नीचे बेहद छोटा और सीधे पॉइंट वाला वर्शन:
QR Fraud (मालिशियस लिंक):
नकली QR चिपकाकर यूजर को फर्जी वेबसाइट या पेमेंट पेज पर भेज दिया जाता है। स्कैन करते ही धोखा शुरू।
Barcode Tampering:
बारकोड बदलकर सस्ते–महंगे प्रोडक्ट की कीमतें गड़बड़ करना, या शिपमेंट ट्रैकिंग बदल देना—ये आम छेड़छाड़ है।
Secure Scanning Tips:
IMEI और इन कोड्स के सीधे तौर पर कोई कनेक्शन नहीं है, लेकिन दोनों का कार्य एक ही है, तीनों ही जी प्रोडक्ट पर लगे होते हैं, उसका विस्तृत विवरण लिए हुए होते हैं। और तीनों की अपने आप में यूनीक होते हैं। इसी तकनीकी समानता को समझने के लिए हमारा IMEI वाला आर्टिकल भी जरूर पढ़ें।
इनका कनेक्शन इस लेवल पर बनता है कि तीनों का उद्देश्य सटीक पहचान, ट्रैकिंग, और वेरिफिकेशन को आसान बनाना है। फ़ोन ट्रैकिंग में IMEI वही भूमिका निभाता है जो प्रोडक्ट ट्रैकिंग में बारकोड और डेटा वेरिफिकेशन में QR कोड निभाते हैं।
IMEI से मोबाइल लोकेशन/ब्लॉकिंग, बारकोड से प्रोडक्ट ट्रैकिंग, और QR से डेटा वेरिफिकेशन—तीनों एक ही टेक्नोलॉजी अवधारणा पर चलते हैं।
IMEI डिवाइस की डिजिटल पहचान है, बारकोड प्रोडक्ट की, और QR कोड किसी लिंक/डेटा की। तीनों मिलकर डिजिटल ईकोसिस्टम को सुरक्षित और ऑर्गनाइज़्ड बनाते हैं।∎
References
GS1 Official Standards
बारकोड, EAN, UPC और Code-128 के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड।
ISO/IEC 18004 — QR Code Specification
QR Code Model 1, Model 2, Micro QR व Dynamic QR से जुड़ा इंटरनेशनल स्टैंडर्ड।
Denso Wave (Inventor of QR Code)
QR कोड की आधिकारिक तकनीकी डिटेल और इतिहास।
NI (National Instruments) – Barcode & QR Basics
बारकोड, 1D-2D, machine readable tech और scanning principles
FCC (Federal Communications Commission) – IMEI Information
IMEI identification, tracking, device security से संबंधित आधिकारिक टेक्नोलॉजी डाक्यूमेंट।
OWASP – QR Code Security Risks
QR fraud, malicious QR, phishing और safety guidelines।
NIST – Digital Identity Guidelines
डिजिटल वेरिफिकेशन, identity systems — IMEI + QR/Barcode के tech relation में उपयोगी।