मलेशिया में होने वाले आसियान सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वहाँ न जाने के फ़ैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
काँग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का 'सामना नहीं करना चाह रहे, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का 'सामना नहीं करना चाह रहे' हैं।
पीएम मोदी ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए जानकारी दी कि वह आसियान सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे।
उन्होंने लिखा(जयराम रमेश) लिखा, पीएम मोदी के वहाँ (मलेशिया) नहीं जाने की वजह साफ़ है- वह राष्ट्रपति ट्रंप के सामने नहीं आना चाहते, जो वहां मौजूद होंगे। उन्होंने कुछ हफ़्ते पहले मिस्र में ग़ज़ा शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी इसी वजह से ठुकरा दिया था।"
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जयराम रमेश ने कहा, "सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ़ में पोस्ट करना एक बात है, लेकिन उनसे आमना-सामना करना दूसरी बात है।"
उन्होंने कहा कि ट्रंप 53 बार 'ऑपरेशन सिंदूर' रोकने का दावा कर चुके हैं और उन्होंने पांच बार यह कहा है कि भारत ने रूस से तेल ख़रीदना बंद करने का वादा किया है।
जयराम रमेश ने आगे कहा, ट्रंप से मिलना पीएम मोदी के लिए 'काफ़ी जोखिम भरा' है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने पीएम मोदी के इस फ़ैसले को सही करार दिया है।
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सही फ़ैसला किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "अगर पीएम मोदी कुआलालंपुर जाते तो ट्रंप के साथ बैठक करनी पड़ती। ट्रंप की अप्रत्याशित और बेतुकी बातें राजनीतिक जोखिम पैदा करती हैं।"
कंवल सिब्बल ने कहना है कि जब तक अमेरिका से व्यापार समझौता नहीं हो जाता, ट्रंप से मिलने से बचना ही बेहतर है।∎