जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को ऐलान किया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं होंगे। उनका कहना है कि यह निर्णय पार्टी के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
पीटीआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार ने कहा कि जन सुराज पार्टी के लिए “150 से कम सीटों पर जीत हासिल करना” उनकी नज़र में हार के समान होगा।
प्रशांत किशोर ने कहा, "अगर जन सुराज पार्टी बिहार चुनाव जीतती है, तो इसका देशव्यापी प्रभाव पड़ेगा। राष्ट्रीय राजनीति एक अलग दिशा में रुख करेगी।"
किशोर ने कहा, "पार्टी ने फैसला किया है कि मुझे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। इसलिए पार्टी ने तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर से अन्य उम्मीदवार की घोषणा की है। यह पार्टी के व्यापक हित में लिया गया फैसला है। अगर मैं चुनाव लड़ता तो इससे मेरा ध्यान आवश्यक संगठनात्मक कार्यों से हट जाता।"
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जब चुनाव में अपनी पार्टी की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो 48 वर्षीय नेता ने कहा, "मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि या तो हम शानदार जीत हासिल करेंगे या फिर बुरी तरह हारेंगे। मैं लगातार कहता रहा हूं कि मुझे या तो 10 से कम सीट मिलने की उम्मीद है या 150 से ज्यादा। इन दोनों के बीच कोई संभावना नहीं है।"
जब उनसे पूछा गया कि अगर चुनावों में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है, तो क्या उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) या विपक्षी इंडिया गठबंधन का समर्थन करेगी, इस पर उन्होंने कहा कि खंडित जनादेश की संभावना ही नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा, "150 से कम सीट चाहे वह 120 या 130 ही क्यों न हो, मेरे लिए हार होगी। अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो हमें बिहार को बदलने और इसे देश के 10 सबसे उन्नत राज्यों में शामिल करने का जनादेश मिलेगा। अगर हम अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो इसका मतलब होगा कि लोगों ने हम पर पर्याप्त भरोसा नहीं दिखाया है और हमें अपने समाज और सड़क की राजनीति जारी रखनी होगी।"